एशेज सीरीज: स्कॉट बोलैंड इंग्लैंड के लिए बन सकते हैं खतरा, जानिए उनके आंकड़े
क्या है खबर?
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड ने पूरा मैच ही बदल दिया था।
उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम की दूसरी पारी में एक ही ओवर में विराट कोहली और रविंद्र जडेजा को पवेलियन भेजा।
इसके बाद भारत आखिरी दिन वापसी ही नहीं कर पाया।
16 जून से शुरू हो रही एशेज सीरीज में भी बोलैंड इंग्लैंड के लिए खतरा बन सकते हैं। ऐसे में आइए उनके आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
करियर
कैसा रहा है बोलैंड का टेस्ट करियर?
बोलैंड गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने 32 साल की उम्र में साल 2021 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ एशेज सीरीज के दौरान ही अपना टेस्ट डेब्यू किया था।
बोलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 8 टेस्ट मैच खेले हैं और 14.57 की शानदार औसत से 33 विकेट झटके हैं। उन्होंने इस दौरान 1 बार 4 विकेट हॉल और 1 बार 5 विकेट हॉल लिया है।
उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/7 का रहा है।
इंग्लैंड
इंग्लैंड के खिलाफ कैसा रहै है बोलैंड का प्रदर्शन?
इंग्लैंड के खिलाफ बोलैंड ने 3 टेस्ट मैच खेले हैं और इन तीनों ही मुकाबलों में उन्होंने अपनी घातक गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान किया है।
इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ने 9.55 की उम्दा औसत के साथ 18 विकेट लिए हैं। उन्होंने 2.11 की इकॉनमी से गेंदबाजी की है।
उनकी स्ट्राइक रेट 27.0 की रही है और उन्होंने एक बार 5 विकेट हॉल भी लिया है। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/7 का रहा है।
फाइनल
WTC के फाइनल में चमके
WTC फाइनल में बोलैंड ने 5 विकेट झटके। मैच की पहली पारी में उन्होंने 20 ओवर गेंदबाजी की और 6 मेडन ओवर डाले। उनके खिलाफ बल्लेबाजों ने 59 रन बनाए और उन्होंने शुभमन गिल और केएस भरत को आउट किया।
भारत की दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की ओर से बोलैंड ने 16 ओवर में 2.90 की इकॉनमी से 46 रन देकर 3 विकेट अपने नाम किए।
दोनों पारियों में उनकी लाइन और लेंथ कमाल की थी।
खतरनाक
खतरनाक है ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी जोड़ी
ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास पैट कमिंस, बोलैंड, जोश हेजलवुड और मिचेल स्टार्क जैसे खतरनाक गेंदबाज हैं। इंग्लैंड के बल्लेबाजों को इनसे पार पाना होगा।इन सभी के पास गेंद को स्विंग कराने की क्षमता है, साथ ही इनके पास गति भी है।
इंग्लैंड की पिच तेज गेंदबाजों को काफी रास आती है। ऐसे में जो रूट, जॉनी बेयरस्टो और बेन स्टोक्स जैसे बल्लेबाजों को पहले पिच पर नजरें जमानी होगी।
इसके बाद वह खुलकर खेल सकते हैं।