
अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए व्हाट्सऐप ने किया यह बदलाव
क्या है खबर?
महामारी के इस दौर में सोशल मीडिया भी फैल रही अफवाहें भी बड़ी चुनौती साबित हो रही है।
कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी अनेकों जानकारियों व्हाट्सऐप के जरिये शेयर की जा रही हैं, जिनमें से कुछ सच है और ज्यादा झूठ।
इन्हीं गलत सूचनाओं पर रोक लगाने के लिए व्हाट्सऐप ने अपने प्लेटफॉर्म पर बड़ा बदलाव किया है।
अब व्हाट्सऐप यूजर्स किसी मैसेज को एक समय में एक ही कॉन्टैक्ट को फॉरवर्ड कर पाएंगे।
फीचर
पहले पांच लोगों को फॉरवर्ड किया जा सकता था मैसेज
इससे पहले भी व्हाट्सऐप ने भी अफवाहों को रोक लगाने के लिए मैसेज फॉरवर्ड को पांच कॉन्टैक्ट तक सीमित किया था। यानी आप अपने स्मार्टफोन से एक साथ अधिकतम पांच लोगों को कोई मैसेज, वीडियो या फोटो फॉरवर्ड कर सकते थे। अब उसे घटाकर एक कर दिया गया है।
इसके अलावा कंपनी ऐसे फीचर पर भी काम कर रही है, जिसे यह पता चल सकेगा कि कोई मैसेज तेजी से फॉरवर्ड किया जा रहा है।
फीचर
25 फीसदी कम फॉरवर्ड होंगे मैसेज
व्हाट्सऐप फॉरवर्डेड मैसेज के लिए लगातार नए फीचर ला रही है। इसमें ताजा बदलाव मैसेज फॉरवर्ड करने के समय कॉन्टैक्ट की संख्या को सीमित करना है।
कंपनी का कहना है कि इससे मैसेज फॉरवर्ड करने में 25 फीसदी कमी आएगी।
इसके अलावा व्हाट्सऐप एक ऐसे फीचर पर भी काम कर रही है, जिससे यूजर उनके पास मैसेज की पड़ताल के लिए सीधे व्हाट्सऐप से ही वेब पर जा सकेंगे।
इसके लिए लिंक के पास एक सर्च आइकन दिया जाएगा।
कोरोना वायरस
व्हाट्सऐप ने शुरू किया है इंफो हब
कंपनी का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर फैल रही अफवाहों को रोकने की कड़ी में उसने यह बदलाव किया है।
बता दें कि व्हाट्सऐप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) UNICEF और UNDP के साथ मिलकर 'कोरोना वायरस इंफोर्मेशन हब' शुरू किया है।
इसे whatsapp.com/coronavirus पर क्लिक कर देखा जा सकता है।
इसमें कोरोना वायरस से जुड़ी सामान्य जानकारियां, टिप्स और दूसरे निर्देश आदि दिए गए हैं और महामारी को लेकर फैल रही अफवाहों से बच सकते हैं।
व्हाट्सऐप
कम की थी स्टेटस वीडियो की ड्यूरेशन
हाल में व्हाट्सऐप ने स्टेटस वीडियो की ड्यूरेशन कम की थी। लॉकडाउन के कारण इंटरनेट नेटवर्क पर बढ़े बोझ को कम करने के लिए कंपनी ने यह बदलाव किया था।
पहले यूजर्स 30 सेकंड तक के वीडियो स्टेटस में अपलोड कर सकते थे, लेकिन अब इनकी ड्यूरेशन कम कर 15 सेकंड कर दी गई है।
इसी वजह से फेसबुक, नेटफ्लिक्स, यूट्यूब और अमेजन जैसी कई बड़ी कंपनियों ने भी अपने वीडियो की क्वालिटी कम की थी।