आईफोन के क्लिपबोर्ड की जासूसी करते पकड़ी गई टिक-टॉक
क्या है खबर?
शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप टिक-टॉक आईफोन के क्लिपबोर्ड की जासूसी करती है।
ऐपल के नए iOS 14 बीटा फीचर में पता चला है कि टिक-टॉक ऐप बैकग्राउंड में आईफोन के क्लिपबोर्ड को एक्सेस करती रहती है।
सबसे पहले इमोजीपीडिया के जेरेमी बर्ज ने इस चीज को रिपोर्ट किया था।
उन्होंने ट्विटर पर एक स्क्रीन रिकॉर्डिंग भी शेयर की जिसमें बार-बार एक पॉप-अप आ रहा है। इस पर 'टिक-टॉक पेस्टेड फ्रॉम इंस्टाग्राम' लिखा आ रहा है।
अपडेट
iOS 14 में मिलेंगे प्राइवेसी से जुड़े कई फीचर
ऐपल ने हाल ही में कई प्राइवेसी फीचर्स वाला iOS 14 अपडेट जारी किया था।
इससे यह पता चल सकेगा कि कौन सी ऐप बैकग्राउंड में क्या एक्सेस कर रही है। साथ ही अगर कोई थर्ड पार्टी ऐप क्लिपबोर्ड एक्सेस करेगी तो स्क्रीन पर पॉप-अप दिखेगा।
बता दें कि क्लिपबोर्ड पर कॉपी किया गया टेक्स्ट या दूसरा कंटेट टेंपरेरी तौर पर स्टोर रहता है। यह फीचर आईफोन के अलावा कई एंड्रायड स्मार्टफोन्स में भी मौजूद है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये बर्ज की स्क्रीन रिकॉर्डिंग
Okay so TikTok is grabbing the contents of my clipboard every 1-3 keystrokes. iOS 14 is snitching on it with the new paste notification pic.twitter.com/OSXP43t5SZ
— Jeremy Burge (@jeremyburge) June 24, 2020
प्रतिक्रिया
कंपनी ने कहा- अगले कुछ हफ्तों में बंद हो जाएगी बैकग्राउंड एक्सेस
जैसे ही बर्ज ने यह इश्यू रिपोर्ट किया, टिक-टॉक की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया आ गई।
कंपनी ने कहा कि वह जल्द ही क्लिपबोर्ड पर लिखे टेक्स्ट को पढ़ना बंद कर देगी। अगले कुछ हफ्तों में यह बंद हो जाएगा।
हालांकि, टिक-टॉक ने मार्च में भी ऐसा ही ऐलान किया था कि वह क्लिपबोर्ड एक्सेस को बंद करने जा रही है, लेेकिन अभी तक इस संबंध में कुछ नहीं किया गया है।
बयान
अपडेटेड वर्जन ऐप स्टोर पर जमा- टिक-टॉक
टिक-टॉक के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने रिपीटिटिव और स्पैमी बिहेवियर पर नजर रखने के लिए यह फीचर डिजाइन किया था। कंपनी ने एंटी-स्पैम फीचर को हटाकर ऐप का अपडेटेड वर्जन ऐप स्टोर पर जमा कर दिया है।
विवाद
प्राइवेसी से जुड़े कई मामलों में घिरी है टिक-टॉक
आईफोन के क्लिपबोर्ड को एक्सेस करने की रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब टिक-टॉक पहले ही डाटा और प्राइवेसी से जुड़े मामलों को लेकर जांच का सामना कर रही है।
इसी महीने यूरोपीय यूनियन के डाटा रेगुलेटर ने एक टास्क फोर्स का गठन किया है जो कंपनी की डाटा प्रोसेसिंग की गतिविधियों की जांच करेगी।
यह बात भी ध्यान रखने वाली है कि अलग-अलग मामलों के कारण कई देशों में टिक-टॉक पर प्रतिबंध और भारी जुर्माना भी लगाया गया है।
डाउनलोड
बढ़ती जा रही है टिक-टॉक की लोकप्रियता
तमाम विवादों में घिरने के बावजूद बीजिंग की कंपनी बाइटडांस की सोशल मीडिया ऐप टिक-टॉक की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है।
बीते महीने दुनियाभर में सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाली नॉन-गेमिंग ऐप में यह पहले नंबर पर रही। इसे लगभग 12 करोड़ बार डाउनलोड किया गया।
टिक-टॉक डाउनलोड करने वालों में भारतीय यूजर्स सबसे आगे है। भारत में पिछले महीने यह लगभग 2.4 करोड़ बार डाउनलोड की गई, जो कुल डाउनलोड का 20 प्रतिशत है।