स्पॉटिफाई ने 30-सेकंड ट्रिक से पैसा कमाने के दावे का किया खंडन, जानिए क्या है मामला
क्या है खबर?
स्पॉटिफाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) डेनियल एक ने उन दावों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि यूजर्स मासिक रॉयल्टी अर्जित करने के लिए खुद के अपलोड किए गए 30-सेकंड ट्रैक को बार-बार सुन सकते हैं।
उनका कहना है कि प्लेटफॉर्म की रॉयल्टी इस तरह काम नहीं करती।
JP मॉर्गन के वित्त विश्लेषकों ने कहा था कि स्पॉटिफाई ग्राहक 24 घंटे लगातार अपना गाना सुनकर हर महीने हजारों रुपये कमा सकते हैं।
नियम
रॉयल्टी प्रोग्राम को लेकर क्या है नियम?
स्पॉटिफाई की वेबसाइट के अनुसार, रॉयल्टी के 2 स्तर हैं और कलाकारों को महीने में एक बार भुगतान किया जाता है, लेकिन उन्हें कितना मिलता है यह अलग-अलग हो सकता है।
यूजर ने जो सुना होगा उसके विपरीत, स्पॉटिफाई कलाकार को प्रति-प्ले या प्रति-स्ट्रीम दर से रॉयल्टी का भुगतान नहीं करती है।
कलाकारों को मिलने वाला रॉयल्टी भुगतान उनके म्यूजिक को स्ट्रीम करने के तरीके या लेबल या डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ समझौतों के अंतर के अनुसार भिन्न हो सकती है।
चिंताएं
रॉयल्टी प्रोग्राम को लेकर चिंताएं
रॉयल्टी प्रोग्राम को लेकर कुछ चिंताएं भी हैं, क्योंकि आर्टिफिशियल स्ट्रीमिंग डिवाइस किसी म्यूजिक को लूप में चलाते हैं जो म्यूजिक इंडस्ट्री में बाधा बन रही है।
फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, JP मॉर्गन के अधिकारियों का अनुमान है कि सभी स्ट्रीम में से 10 प्रतिशत नकली हैं।
स्वीडिश समाचार पत्र स्वेन्स्का डागब्लाडेट ने रिपोर्ट दी थी कि आपराधिक गिरोह ड्रग सौदों के माध्यम से कमाए गए धन को वैध बनाने के लिए स्पॉटिफाई की रॉयल्टी का उपयोग कर रहे थे।