शॉर्ट वीडियो ऐप्स का क्रेज बढ़ा, भारतीय ऐप्स पर आ गए 97 प्रतिशत टिक-टॉक यूजर्स
क्या है खबर?
भारत में पिछले साल टिक-टॉक पर बैन लगने के बाद से कई देसी विकल्प यूजर्स को मिले और खूब पसंद किए जा रहे हैं।
सामने आया है कि MX टकाटक, मोज, रोपोसो और जोश जैसी ऐप्स ने लगभग 97 प्रतिशत टिक-टॉक यूजर्स को स्पेस दिया है।
यानी कि भारत में लगभग सभी टिक-टॉक यूजर्स ने विकल्प के तौर पर इन ऐप्स को चुना है।
लेटेस्ट रिपोर्ट में सामने आया है भारत में शॉर्ट वीडियोज का क्रेज अब भी बरकरार है।
रिपोर्ट
भारतीय ऐप्स को पिछले साल हुआ फायदा
मैनेजमेंट कंसल्टेंसी रेडशीर की ओर से शेयर किए गए डाटा के मुताबिक, भारतीय शॉर्ट-वीडियो ऐप्स को करीब 65 से 70 प्रतिशत टिक-टॉक सब्सक्राइबर्स मिल गए थे।
इन्फ्लुएंसर्स को प्लेटफॉर्म को जोड़ने के बाद पिछले साल इन ऐप्स ने 30 से 35 प्रतिशत नए यूजर्स अपने प्लेटफॉर्म से जोड़े।
शॉर्ट-फॉर्म वीडियो- द राइज ऑफ मेड इन इंडिया डिजिटल कंटेंट रिपोर्ट में कहा गया है कि इन ऐप्स से सबसे ज्यादा (करीब 60 प्रतिशत) यूजर्स टियर-2 शहरों से जुड़े हैं।
मार्केटिंग
पहले से कम वक्त बिता रहे हैं यूजर्स
एग्रेसिव मार्केटिंग और स्थानीय कंटेंट पर फोकस के साथ भारतीय ऐप्स के डेली ऐक्टिव यूजर्स टिक-टॉक पर बैन लगाए जाने से पहले जून, 2020 के स्तर पर पहुंच गए हैं।
इसी तरह शॉर्ट-फॉर्म वीडियो ऐप्स पर यूजर्स की ओर से बिताया जाने वाला वक्त जून, 2020 के मुकाबले केवल 55 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन ऐप्स के डेली ऐक्टिव यूजर्स शॉर्ट वीडियो ऐप्स पर रोजाना करीब 30 मिनट का वक्त बिता रहे हैं।
बयान
टिक-टॉक बैन का फायदा मिला
रीडर कंसल्टिंग के एसोसिएट पार्टनर उज्जवल चौधरी ने कहा, "टिक-टॉक ऐप पर बैन लगाए जाने के बाद एक साल से कम वक्त में भारतीय प्लेटफॉर्म्स को बढ़त मिली है। डेली ऐक्टिव यूजर बेस के मामले में ऐसी ऐप्स ने 100 प्रतिशत रिकवरी दिखाई है।"
उज्जवल ने कहा, "यह दिखाता है कि किस तरह डिवेलपर्स अपने प्रोडक्ट्स डिजाइन करने में सफल रहे, अपने प्लान बना पाए और बहुत कम वक्त में उन्होंने अच्छी मार्केटिंग की।"
भरोसा
भारतीय ऐप्स पर भरोसा कर रहे हैं यूजर्स
रीडर की ओर से किए गए सर्वे में सामने आया है कि भारतीय शॉर्ट-फॉर्म वीडियो ऐप्स इस्तेमाल कर रहे करीब 75 प्रतिशत यूजर्स स्थानीय ऐप्स का इस्तेमाल जारी रखना चाहते हैं।
ये यूजर्स बैन हटाए जाने के बाद भी टिक-टॉक जैसी शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप्स पर वापस नहीं जाएंगे।
खास बात यह है कि भारतीय शॉर्ट-वीडियो ऐप्स अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को कंटेंट के बदले कमाई करने के मौके भी दे रही हैं और मॉनिटाइजेशन के विकल्प लेकर आई हैं।