बिहार: नीतीश ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, सोमवार को लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
क्या है खबर?
जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार रविवार को बिहार के राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
इससे पहले दोपहर में हुई बैठक में नीतीश कुमार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विधायक दल का नेता चुना गया था।
इसके साथ ही स्पष्ट हो गया था कि नीतीश लगातार चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। वो सातवीं बार सूबे के मुख्यमंत्री बनेंगे।
बयान
भाजपा नेताओं के आग्रह के बाद बनूंगा मुख्यमंत्री- नीतीश
बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा, "मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, पर भाजपा नेताओं के आग्रह पर मैं एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा।"
कयास लगाए जा रहे थे नीतीश अपनी पार्टी के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं।
नीतीश सोमवार दोपहर बाद 4:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। राज्यपाल से मिल सरकार गठन का दावा करने के बाद उन्होंने यह जानकारी दी। उनके साथ शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं।
बिहार
उप मुख्यमंत्री के नाम पर संशय
बिहार के उप मुख्यमंत्री के नाम पर अभी संशय बरकरार है।
दरअसल, पटना पहुंचे राजनाथ सिंह से जब पूछा गया कि क्या सुशील मोदी ही बिहार के उप-मुख्यमंत्री होंगे? तो उन्होंने कहा कि उचित समय आने पर इसका जवाब दिया जायेगा, कुछ देर इंतजार कीजिये।
बताया जा रहा है कि भाजपा इस बार उप मुख्यमंत्री पद के लिए सुशील मोदी के नाम पर विचार नहीं कर रही है। इसकी झलक बैठक में सुशील मोदी द्वारा भाषण में भी दिखी।
जानकारी
शुक्रवार को नीतीश ने दिया था मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
इससे पहले शुक्रवार को नीतीश कुमार 16वीं बिहार विधानसभा भंग करने की सिफारिश लेकर राज्यपाल से मिले और मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंपा था। इसके बाद NDA की औपचारिक बैठक हुई थी।
राजनीतिक सफर
राजनीति में आने से पहले बिजली बोर्ड में इंजीनियर थे नीतीश
1 मार्च, 1951 को पटना के बख्तियारपुर में जन्मे नीतीश कुमार ने इंजिनियरिंग की पढ़ाई की है।
कुछ समय तक उन्होंने राज्य के बिजली बोर्ड में भी नौकरी की थी।
आपातकाल के दिनों में जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया जैसे नेताओं के संपर्क में आने के बाद वो नौकरी छोड़कर राजनीति में शामिल हो गए।
सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने जा रहे नीतीश रेलवे के अतिरिक्त प्रभार के साथ केंद्र के दूसरे मंत्रालय भी संभाल चुके हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव
क्या रहे चुनावों के नतीजे?
चुनावों में अलग-अलग पार्टियों की बात करें तो भाजपा ने 74 सीटें जीती और वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वहीं नीतीश कुमार की जदयू 43 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई।
उसका प्रदर्शन पिछली बार के मुकाबले काफी खराब रहा है।
महागठबंधन की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 75 सीटों के साथ इस बार सबसे बड़ी पार्टी बनी, जो पिछली बार के मुकाबले पांच कम हैं। कांग्रेस ने 19 और वामपंथी पार्टियों ने 17 सीटें जीती है।