प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर का दौरा क्यों नहीं करते? मुख्यमंत्री बीरेन ने ये जवाब दिया
क्या है खबर?
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के 31 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अशांत राज्य के लिए माफी मांगने पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा था कि यह साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा और राज्य में जो कुछ हुआ, उसके लिए वह खेद प्रकट कर माफी मांगना चाहते हैं।
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने इस पर सवाल किया कि यही बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों नहीं करते, जिसपर मुख्यमंत्री सिंह ने जवाब दिया है।
विवाद
मुख्यमंत्री सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा था?
मुख्यमंत्री सिंह ने मीडिया से कहा था, "कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और अपना घर छोड़ दिया। मुझे वाकई बहुत खेद है। मैं माफी मांगना चाहता हूं...अब, मैं आशा करता हूं कि पिछले 3-4 महीनों की शांति की ओर प्रगति को देखने के बाद, मुझे उम्मीद है कि नए साल 2025 के साथ राज्य में शांति बहाल होगी। मैं सभी समुदायों से अपील करता हूं कि जो हुआ सो हुआ। हमें अब पिछली गलतियों को भूलना होगा।"
सवाल
मुख्यमंत्री की माफी पर जयराम रमेश ने क्या किया सवाल?
मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस को एक्स पर ट्वीट कर कांग्रेस नेता ने लिखा, 'प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं जा सकते और यही बात वहां जाकर क्यों नहीं कह सकते? उन्होंने जानबूझकर 4 मई 2023 से राज्य का दौरा करने से परहेज किया, जबकि वे देश और दुनिया भर की हवाई यात्रा पर करते रहते हैं। मणिपुर के लोग इस उपेक्षा को बिल्कुल समझ ही नहीं पा रहे हैं
इसका मुख्यमंत्री सिंह ने एक्स पर अंग्रेजी भाषा में लंबा जवाब दिया है।
जवाब
मुख्यमंत्री सिंह ने क्या दिया जवाब?
मुख्यमंत्री सिंह ने लिखा, 'आप सहित सभी जानते हैं कि मणिपुर आज उथल-पुथल में है, क्योंकि कांग्रेस ने अतीत में कई पाप किए, जैसे मणिपुर में बर्मी शरणार्थियों को बार-बार बसाना और म्यांमार स्थित उग्रवादियों के साथ SOO समझौते पर हस्ताक्षर करना, जिसकी अगुआई चिदंबरम ने भारत के गृह मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान की थी। आज मैंने जो माफ़ी मांगी है, वह बेघर और विस्थापित लोगों के लिए अपना दुख व्यक्त करने का ईमानदार कार्य है।'
जवाब
आगे क्या बोले सिंह?
सिंह ने आगे लिखा, 'एक मुख्यमंत्री के रूप में, यह एक अपील थी कि जो हुआ उसे माफ़ कर दें और भूल जाएं। हालांकि, आपने इसमें राजनीति ला दी। मैं आपको याद दिला दूं: मणिपुर में नागा-कुकी संघर्ष के परिणामस्वरूप लगभग 1,300 लोग मारे गए और हज़ारों लोग विस्थापित हुए। हिंसा कई वर्षों तक जारी रही, 1992 और 1997 के बीच समय-समय पर बढ़ती रही, हालांकि संघर्ष का सबसे तीव्र दौर 1992-1993 में था।'
जवाब
पीवी नरसिम्हा राव ने माफी नहीं मांगी
सिंह ने लिखा, 'संघर्ष 1992 में शुरू हुआ और 5 वर्षों (1992-1997) तक तीव्रता के साथ जारी रहा। यह अवधि पूर्वोत्तर भारत में सबसे खूनी जातीय संघर्षों में एक थी, जिसने मणिपुर में नागा-कुकी समुदायों के बीच संबंधों को गहराई से प्रभावित किया। क्या पीवी नरसिम्हा राव, जो 1991-1996 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और कांग्रेस के अध्यक्ष थे, माफी मांगने मणिपुर आए? 1997-1998 में कुकी-पाइट संघर्ष के दौरान आईके गुजराल प्रधानमंत्री थे। क्यां उन्होंने दौरा कर माफी मांगी?'