तेलंगाना के मुख्यमंत्री का उद्धव ठाकरे के साथ लंच, शरद पवार से भी मिलेंगे
क्या है खबर?
कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होने के संकेतों के बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव आज मुंबई पहुंचे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ लंच किया।
राव शाम को विपक्ष के सबसे अच्छे रणनीतिकार माने जाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया शरद पवार से भी मुलाकात करेंगे।
शहर में राव के स्वागत में पोस्टर भी लगाए गए हैं जिनमें उनके अलावा उद्धव, पवार और बाल ठाकरे की तस्वीरे भी हैं।
लंच और बैठक
मुख्यमंत्री आवास में की दोनों नेताओं ने बैठक
राव और उद्धव ठाकरे के बीच मुबंई स्थित ठाकरे के आधिकारिक निवास पर बैठक हुई। बैठक की तस्वीर भी जारी की गई है जिसमें इन दोनों नेताओं के अलावा ठाकरे के छोटे बेटे तेजस ठाकरे भी हैं।
राव ने ठाकरे के साथ-साथ महाराष्ट्र सरकार के कई मंत्रियों से भी मुलाकात की, वहीं ठाकरे राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के नेताओं से मिले।
बैठक में शिवसेना सांसद संजय राउत और भाजपा के आलोचक और अभिनेता प्रकाश राज भी मौजूद रहे।
बयान
ठाकरे ने किया भाजपा की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष में साथ देने का वादा
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए राव के कार्यालय ने कहा कि ठाकरे ने पिछले हफ्ते फोन करके उन्हें मुंबई बुलाया था और भाजपा की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष में उनका पूरा साथ देने का वादा किया था।
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' ने भी आज अपने एक लेख में कहा है कि ठाकरे और राव के बीच मुलाकात राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ राजनीतिक एकता की प्रक्रिया को तेज करेगी।
राव शाम को पवार से मिलेंगे।
अन्य मुलाकातें
देवगौड़ा और ममता बनर्जी से भी मुलाकात करेंगे राव
बता दें कि ठाकरे और पवार के बाद राव की विपक्ष के अन्य कई बड़े नेताओं से मुलाकात की योजना भी है। इनमें जनता दल सेक्युलर (JDS) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हैं।
राव देवगौड़ा से बेंगलुरू जाकर मुलाकात करेंगे, वहीं ममता हैदराबाद आकर राव से मुलाकात करेंगी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी दिल्ली में विपक्ष के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की योजना बना रहे हैं।
योजना
आखिर क्या करना चाहते हैं राव?
राव का कहना है कि केंद्र में भाजपा का राज आने के बाद देश में संघवाद में कमी आई है और उनकी इन सभी मुलाकातों का लक्ष्य राज्यों के हितों की रक्षा के लिए एकजुट होकर रणनीति बनाना है।
इसके अलावा उनकी इन मुलाकातों को राष्ट्रीय पटल पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उनकी पुरानी महत्वाकांक्षाओं से जोड़कर भी देखा जा रहा है और अटकलें हैं कि वो 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी पार्टियों का एक गठबंधन बनाना चाहते हैं।