मुसलमानों के प्रति विवादित बयान देकर फंसे गिरिराज सिंह, आचार संहित के उल्लंघन का मामला दर्ज
क्या है खबर?
केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी गिरिराज सिंह पर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बुधवार को बिहार में अमित शाह की मौजूदगी में एक रैली में मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनकर विवाद दिया था।
बेगूसराय जिला प्रशासन ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए गिरिराज सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है और इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी भेजी है।
आइये, जानते हैं यह पूरा मामला क्या है।
विवादित बयान
यह था गिरिराज सिंह का बयान
"कुछ लोग बड़े भाई का कुर्ता और छोटे भाई का पायजामा पहनकर भ्रमण कर रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि जो वंदे मातरम नहीं गा सकता, जो भारत की मातृभूमि को नमन नहीं कर सकता, वो इस बात को याद रखें कि गिरिराज के नाना-दादा सिमरिया घाट में गंगा के किनारे मरे, उस भूमि पर कोई कब्र नहीं बनाया लेकिन तुम्हें तो तीन हाथ जगह चाहिए। तुम ऐसा नहीं करोगे तो देश तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा।"
जानकारी
विपक्ष ने साधा निशाना
गिरिराज सिंह के इस बयान को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव ने उन पर निशाना साधा था। उन्होंने गिरिराज के इस बयान के सहारे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोला।
ट्विटर पोस्ट
गिरिराज सिंह के विवादित बयान का वीडियो
नीतीश कुमार की तथाकथित गांधीगिरी की ऐसी-तैसी करता विषराज सिंह। नीतीश कुमार इसका हाथ पकड़े झोली फैला वोट माँग रहे है। कहाँ गई नीतीश कुमार की अंतरात्मा। ख़बरदार चाचा, आगे से बापू गांधी का नाम लिया तो..शर्म तो नहीं आ रही होगी pic.twitter.com/suSbbb6n6s
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 25, 2019
आचार संहिता
राजनेताओं के लिए ये हैं आचार संंहिता के नियम
आचार संहिता लागू होने के बाद राजनीतिक पार्टियों, उनके उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने से पहले स्थानीय प्रशासन से इजाजत लेनी होती है।
नेता अपने भाषणों में जाति, धर्म के आधार पर वोट की अपील नहीं कर सकता और न ही वह ऐसी कोई बात कर सकता है जिससे समाज में नफरत फैलने की संभावना हो।
यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि राजनीतिक दल मतदाताओं को किसी प्रकार का लालच न दें।
गिरिराज के बयान
पुराना है गिरिराज और विवादित बयानों का रिश्ता
यह पहली बार नहीं है जब गिरिराज ऐसे बयान देकर मुश्किलों में फंसे हैं।
उन्होंने हाल ही में कहा था कि हरे रंग के झंडे काे मुसलमानों से जुड़े राजनीतिक और धार्मिक संगठनों से जोड़ कर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे झंडे समाज में घृणा फैलाते हैं और पाकिस्तान में होने की धारणा बनाते हैं।
इसके अलावा वो अकसर अपने विरोधियों को पाकिस्तान जाने की सलाह देते रहते हैं।
गिरिराज इस बार बेगूसराय से चुनाव लड़ रहे हैं।
जानकारी
कन्हैया और तनवीर हसन से मुकाबला
इस चुनावों में बेगूसराय सीट पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। यहां पर गिरिराज का युवा नेता कन्हैया कुमार और राजद के तनवीर हसन से मुकाबला होगा। त्रिकोणीय मुकाबले वाले इस सीट पर 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे।
विवादित बयान
योगी-मायावती और सिद्धू भी दे चुके है ऐसे बयान
चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के धर्म के आधार पर वोट मांगने का सिलसिला जारी है।
बहुजन समाज पार्टी नेता मायावती, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू आदि ऐसे नेता हैं जो धार्मिक आधार पर बयान देकर चुनाव आयोग की कार्रवाई का सामना कर चुके हैं।
हालांकि, आयोग की इन कार्रवाइयों के बाद भी ऐसे बयान पर रोक लगेगी, यह कहना मुश्किल है।