बढ़ते दबाव के बीच फेसबुक ने भाजपा विधायक टी राजा सिंह को बैन किया
क्या है खबर?
हफ्तों से दबाव का सामना कर रही सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने भाजपा विधायक टी राजा सिंह को अपने प्लेटफॉर्म पर बैन कर दिया है।
साथ ही उन्हें हिंसा और नफरत भरे कंटेट को रोकने की नीति के उल्लंघन के लिए इंस्टाग्राम पर भी बैन कर दिया गया है।
फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने हिंसा और नफरत भरे कंटेट को रोकने वाली नीति के उल्लंघन के लिए टी राजा सिंह को बैन किया है।
पृष्ठभूमि
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के बाद शुरू मामला
तेलंगाना में इकलौते भाजपा विधायक टी राजा सिंह का नाम पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है।
दरअसल द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में सामने आया था कि फेसबुक अपने कारोबारी हितों को नुकसान की आशंका के चलते भाजपा नेताओं पर कार्रवाई से पीछे हटती है।
रिपोर्ट में कहा गया था कि मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट करने वाले राजा सिंह को बैन करने से रुकवाने के लिए अंखी दास ने फेसबुक की आंतरिक प्रक्रिया में दखल दिया।
कार्रवाई
रिपोर्ट के बाद हटाई गई थीं राजा सिंह की कुछ पोस्ट
अंखी दास भारत में फेसबुक की शीर्ष सार्वजनिक नीति अधिकारी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अंखी दास ने फेसबुक के कारोबारी हितों पर नकारात्मक प्रभावा का हवाला देते हुए इस कार्रवाई का विरोध किया था।
हालांकि, रिपोर्ट के बाद फेसबुक ने राजा सिंह और भाजपा के एक अन्य नेता आनंद हेगड़े की कुछ भड़काऊ पोस्ट्स हटा दी थी। इन दोनों पर मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी का आरोप लगता रहता है।
अब राजा सिंह को बैन किया गया है।
विवाद
रिपोर्ट सामने आने के बाद से विवादों में घिरी फेसबुक
भारत में 30 करोड़ से ज्यादा यूजर्स वाली फेसबुक यह रिपोर्ट सामने आने के बाद से विवादों में है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही फेसबुक पर विरोधी का पक्ष लेने का आरोप लगा रही है।
इसे लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और दूसरी तरफ कांग्रेस ने फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग को पत्र भी लिखा है।
वहीं कंपनी का कहना है कि उसकी नीतियां निष्पक्ष हैं और राजनीतिक पद और पार्टी से परे इनको लागू किया जाता है।
पूछताछ
ससंदीय समिति ने फेसबुक के इंडिया हेड को किया तलब
रिपोर्ट के बाद मचे घमासान के बीच बुधवार को एक ससंदीय समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कथित दुरुपयोग को लेकर फेसबुक के इंडिया हेड अजीत मोहन को तलब किया था।
सूचना प्रौद्योगिकी मामले की संसदीय स्थायी समिति की बुधवार को बुलाई गई यह बैठक तीन घंटे से ज्यादा चली।
समिति के प्रमुख कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने कहा कि सर्वसम्मति से इस बात पर सहमति बनी है कि फेसबुक के प्रतिनिधियों के साथ बाद में चर्चा करेंगे।
सवाल-जवाब
फेसबुक को एक सप्ताह में देना होगा जवाब
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में भाजपा सांसदों ने फेसबुक से सवाल किया कि क्या जय श्री राम कहना फेसबुक की नीति के हिसाब से सांप्रदायिक है? कुछ अन्य भाजपा सांसदों ने फेसबुक और कांग्रेस के रिश्तों को लेकर सवाल किया।
वहीं विपक्षी सांसदों ने राजा सिंह और बंगाल में भाजपा के पूर्व प्रमुख और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए भाषण पर सवाल किया।
फेसबुक को इनका जवाब देने के लिए एक सप्ताह दिया गया है।