ED के सामने राहुल गांधी की पेशी कल, कांग्रेस का बड़े प्रदर्शन का ऐलान
सोमवार को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने राहुल गांधी की पेशी के समय कांग्रेस ने बड़े प्रदर्शन का ऐलान किया है। पार्टी ने अपने सभी नेताओं और सांसदों को कल पार्टी मुख्यालयों पर इकट्ठा होने को कहा है और इसके बाद देशभर में ED के कार्यालयों के सामने धरना दिया जाएगा। पार्टी नेता मणिकम टैगोर ने बताया कि पार्टी के कार्यकर्ता ED के 25 कार्यालयों के सामने धरना देंगे।
राहुल के साथ ED दफ्तर तक मार्च करेंगे कांग्रेस नेता
टैगोर ने बताया कि कल जब राहुल दिल्ली में ED के कार्यालय जाएंगे तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनके साथ मार्च करेंगे। पार्टी ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को अलग-अलग जगहों से मीडिया को संबोधित करने का निर्देश भी दिया है। सचिन पायलट लखनऊ, पवन खेड़ा अहमदाबाद, नासिर हुसैन पटना, मधु गौड़ गोवा, विवेक तनखा रायपुर, संजय निरूपम शिमला, अल्का लांबा देहरादून और रंजीत रंजन चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। स्थानीय नेताओं को भी प्रेस कॉन्फेंस करने को कहा गया है।
23 जून को सोनिया गांधी की भी पेशी
ED ने मामले में सोनिया गांधी को भी समन भेजा है। पहले उन्हें 8 जून को पेश होने को कहा गया था, लेकिन पेशी से पहले वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गईं। अब उन्हें 23 जून को पेश होने को कहा गया है।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
साल 2013 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर करते कांग्रेस नेता राहुल और सोनिया गांधी पर नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए इसका गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया और इससे कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हथिया ली। YIL में 38-38 प्रतिशत यानि 76 प्रतिशत शेयर राहुल और सोनिया के पास हैं।
YIL ने कैसे किया AJL पर कब्जा?
AJL ने घाटे के कारण 2008 में नेशनल हेराल्ड और अन्य अखबारों को बंद कर दिया। उस समय उस पर कांग्रेस का 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज था। कांग्रेस ने इस कर्ज वसूली का अधिकार YIL नामक कंपनी को दे दिया, जिसने इसके बदले में 10 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर AJL के नौ करोड़ शेयर खरीद लिए। इससे AJL के 99 प्रतिशत शेयर YIL के पास आ गए और वह इसकी मालिक कंपनी बन गई।
कांग्रेस ने मामले में क्या सफाई दी है?
कांग्रेस का कहना है कि YIL को चैरिटी के मकसद के साथ खोला गया था और यह एक गैर-लाभकारी कंपनी है। उसका यह भी कहना है कि लेनदेन में किसी भी तरह का घोटाला नहीं किया गया और ये कंपनी के शेयर ट्रांसफर करने के लिए मात्र एक व्यावसायिक लेनदेन था। उसने भाजपा सरकार पर भी राजनीति से प्रेरित होकर कार्रवाई करने और एजेंसियों का राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।