राजस्थान में मुख्यमंत्री के सलाहकार की धमकी, कहा- गहलोत के खिलाफ नारा लगाने पर उठाएगी पुलिस
क्या है खबर?
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर द्वारा एक सभा में लोगों को खुली धमकी देने का मामला सामने आया है।
सहालकार ने सभा में स्पष्ट तोर पर कहा कि यहां किसी को भी नारा लगाना है तो वह केवल 'राजीव गांधी अमर रहे' और 'अशोक गहलोत जिंदाबाद' का नारा लगा सकता है। इसके अलावा कोई भी नारा लगाने पर उसे पुलिस उठाकर ले जा सकती है और केस भी दर्ज हो जाएगा।
धमकी
नागर ने मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले दी धमकी
नागर मंगलवार को दूदू में आयोजित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक जनसभा में लोगों को धमका रहे थे।
मुख्यमंत्री के सभा में पहुंचने से पहले उन्होंने कहा, "यहां किसी को नारा लगाना है तो केवल 'राजीव गांधी अमर रहें' और 'अशोक गहलोत जिंदाबाद' का ही नारा लगा सकता है। अगर किसी ने इन दो नारों के अलावा तीसरा कोई नारा लगाया तो उसे पुलिस उठाकर ले जाएगी। बंद कर देगी और केस लग जाएगा। बाद में मुझे मत कहना।"
जानकारी
ग्रामीण ओलिंपिक खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन करने पहुंचे थे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री गहलोत दूदू में ब्लॉक स्तरीय ग्रामीण ओलंपिक खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उस दौरान उन्होंने कई विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया था। इसको लेकर उन्होंने क्षेत्र की जनता को संबोधित भी किया था।
दबाव
नारे केवल दो ही लगेंगे- नागर
मुख्यमंत्री की सभा से पहले उनके सलाहकार नागर ने कहा, "कोई किसी के नारे नहीं लगाएंगे, मैने दो नारे बताए हैं, वही लगाए जाएंगे। तीसरा कोई किसी का नारा नहीं लगाएगा। तीसरा नारा लगाना है तो उठकर जा सकता है। फिर मुझे दोष मत देना। केवल आपको ताली बजानी है बस। नारे केवल दो ही लगेंगे।"
उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मची हुई है। अन्य दलों ने इसका विरोध भी किया है।
डर
नागर को था सचिन पायलट के नारे लगने का डर
दूदू में कांग्रेस नेता सचिन पायलट समर्थकों की अच्छी संख्या है। नागर को पायलट समर्थकों की नारेबाजी का डर था। ऐसे में उन्होंने लोगों को पुलिस से उठवाने तक की धमकी दे दी।
दरअसल, सोमवार को अजमेर के पुष्कर में गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन को लेकर आयोजित सभा में खेल मंत्री अशोक चांदना के भाषण से पहले पायलट समर्थकों ने जूते-बोतलें फेंककर विरोध जताया था और 'सचिन पायलट जिंदाबाद' के नारे लगाए थे।
विवाद
पहले भी विवादों में रह चुके हैं नागर
नागर शुरू से मुख्यमंत्री गहलोत के नजदीकी रहे हैं। वह पिछली सरकार में खाद्य मंत्री थे।
एक महिला ने उन पर रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें जेल जाना पड़ा था। हालांकि, बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था।
2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो वह बागी होकर निर्दलीय लड़े और जीते।
विधानसभा चुनाव से पहले हुई सभा में मुख्यमंत्री गहलोत ने लोगों से उन्हें जितवाने की अपील भी की थी।