उत्तराखंड: सिलक्यारा सुरंग का काम सुरक्षा परीक्षण के बाद फिर होगा शुरू, मजदूरों की होगी जांच
क्या है खबर?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग का काम सुरक्षा परीक्षण के बाद फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही है।
इंडिया टुडे के मुताबिक, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुरंग का सुरक्षा परीक्षण होगा और 4.5 किमी लंबी सुरंग परियोजना पर काम शुरू करने से पहले आवश्यक मरम्मत की जाएगी।
अधिकारी ने आश्वासन दिया कि सुरंग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानियां बरती जाएंगी और सुरक्षा को प्राथमिकता मिलेगी।
जांच
सुरंग का हिस्सा ढहने के कारणों की जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित
उत्तराखंड सरकार ने सुरंग के एक हिस्से के ढहने के कारणों की जांच के लिए एक 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। मंत्रालय भी आगे की जांच के लिए अपना स्वयं का पैनल स्थापित कर सकता है।
जोजिला सुरंग परियोजना के प्रमुख हरपाल सिंह बताते हैं कि सुरंग ढहने के कई संभावित कारण हो सकते है, जिनमें अपर्याप्त भौगोलिक जांच, कम डिज़ाइन ग्राउंड सपोर्ट सिस्टम, निर्माण त्रुटियां और अपर्याप्त नियंत्रण शामिल है।
बचाव
41 मजदूरों का ऋषिकेश में चल रहा है इलाज
सुरंग से 17 दिन बाद बाहर निकाले गए 41 मजदूरों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश भेजा गया है, जहां उनकी स्वास्थ्य जांच हो रही है।
मजदूरों के मानसिक स्वास्थ्य का आकलन किया जा रहा है, साथ ही निगरानी रखी जा रही है। मंगलवार को निकाले जाने के बाद उन्हें शुरुआत में चिन्यालीसौर में एक अस्पताल में भेजा गया था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजदूरों से मुलाकात कर सभी को -1-1 लाख रुपये का चेक दिया।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग 12,000 करोड़ रुपये से बनाई जा रही है। इस सुरंग का उद्देश्य उत्तराखंड में चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ तक हर मौसम में बाधा रहित पहुंच प्रदान करना है।