कोरोना वायरस: दिल्ली के लिए बजी खतरे की घंटी, पांच प्रतिशत के पार पहुंची सकरात्मकता दर
क्या है खबर?
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी मामलों में तेजी से उछाल आ रहा है।
इसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने मंगलवार से 30 अप्रैल तक प्रतिदिन रात 10 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू की घोषणा कर दी है।
इसके बाद भी दिल्ली के लिए खतरे की घंटी बज गई है। यहां कोरोना संक्रमण की सकारात्मकता दर 5 प्रतिशत के ऊपर पहुंच गई है। यह बड़ा चेतावनी संकेत है।
हालात
दिल्ली में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
दिल्ली में 15 मार्च से संक्रमण बढ़ना शुरू हुआ था। उस दौरान प्रतिदिन 500 मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब मामलों में तेजी से उछाल आ रहा है।
पिछले 24 घंटे में यहां 3,548 नए मामले सामने आए हैं और 15 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 6,79,962 पर पहुंच गई है।
इनमें से 11,096 की मौत हो चुकी है। ऐसे में वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 14,589 पर पहुंच गई है।
जानकारी
5.54 प्रतिशत पर पहुंची सकारात्मकता दर
बता दें दिल्ली में सोमवार को कुल 64,003 लोगों की कोरोना जांच की गई थी। इनमें से 3,548 के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इस हिसाब से दिल्ली में कोरोना संक्रमण की सकारात्मकता दर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह एक बुरी खबर है।
खतरा
सकारात्मकता दर बढ़ने से क्यों है दिल्ली को खतरा?
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पांच प्रतिशत सकारात्मकता दर को विश्व स्वास्थ्य संगठन भी बढ़ते प्रकोप के लिए आदर्श दर मानता है। सकारात्मकता दर से पता चलता है कि किसी क्षेत्र में जांच किए गए लोगों में कितने लोग संक्रमित मिल रहे हैं। ऐसे में चिकित्सा विशेषज्ञा इस दर को खतरनाक बता रहे हैं।
सफदरजंग अस्पताल में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ जुगल किशोर ने कहा कि बढ़ती सकारात्मकता दर संक्रमण के तेजी से फैलने का संकेत है।
अपील
महामारी से बचाव के नियमों की सख्त पालन जरूरी- जुगल किशोर
डॉ जुगल किशोर ने कहा कि अब बढ़ती संख्याओं पर पैनी नजर रखनी होगी। इसका कारण है कि संक्रमण अब तेजी से फैल रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में महामारी से बचाव के नियमों की पालना में बहुत अधिक ढिलाई हो रही है। लोग नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में महामारी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नियमों की सख्ती से पालना जरूरी है।
उन्होंने सरकार से इस संबंध में मजबूत कदम उठाने की अपील की है।
रफ्तार
दिल्ली में इस तरह से बढ़ती सकारात्मकता दर
15 मार्च को दिल्ली में 368 मामले सामने आने के दौरान सकारात्मकता दर 0.6 प्रतिशत पर थी।
उस दौरान स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में है और महाराष्ट्र में सकारात्मकता दर 16 प्रतिशत, गुजरात में दिल्ली से तीन गुना, पंजाब में छह गुना, केरल में सात गुना अधिक है।
इसके बाद 29 मार्च को दिल्ली में यह दर बढ़कर 2.7 प्रतिशत और होली के बाद के सप्ताह में 5.5 प्रतिशत तक पहुंच गई।
प्रयास
दिल्ली सरकार ने क्या उठाए हैं कदम?
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में रविवार को सकारात्मकता दर 4.64 प्रतिशत थी।
इसके बाद यहां रैंडम परीक्षण तेज कर दिए गए। यही कारण रहा है कि यहां अब प्रतिदिन 80,000 से अधिक टेस्ट किए जा रहे हैं जो राष्ट्रीय औसत से पांच गुना अधिक है।
उन्होंने कहा कि नाइट कर्फ्यू के साथ महामारी से बचाव के नियमों की पालना पर जोर दिया जा रहा है और मिनी कंटेनमेंट जोन बनाकर उपचार किया जा रहा है।
अन्य राज्य
अन्य राज्यों में क्या है सकारात्मकता दर की स्थिति?
वर्तमान में सबसे ज्यादा सकारात्मकता दर महाराष्ट्र में 14.6 प्रतिशत है। वहां 2,07,15,793 कोरोना जांचों में से 30,57,885 के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इसी तरह पंजाब में यह दर 7.9 पर पहुंच गई है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के अनुसार 27 फरवरी से 5 मार्च तक 2.9 प्रतिशत की सकारात्मकता दर्ज की गई थी जो 27 मार्च से 2 अप्रैल के बीच बढ़कर 7.9 पर पहुंच गई। छत्तीसगढ़ में यह दर 11.3 प्रतिशत पर है।