आधे से अधिक भारतीय क्रिप्टोकरेंसी को वैध करने के खिलाफ, दो-तिहाई को भरोसा नहीं- सर्वे
क्या है खबर?
एक सर्वे में सामने आया है कि आधे से अधिक भारतीय नहीं चाहते कि देश में क्रिप्टोकरेंसी को वैध किया जाए। वे चाहते हैं कि सरकार विदेश में जमा डिजिटल संपत्ति की तरह इस पर टैक्स लगाए।
लोकलसर्कल्स द्वारा किए गए इस सर्वे में ये भी सामने आया है कि दो-तिहाई से अधिक भारतीयों को क्रिप्टोकरेंसी पर बहुत कम या बिल्कुल भरोसा नहीं है, वहीं आधे भारतीय भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की खुद की क्रिप्टोकरेंसी के समर्थन में हैं।
सर्वे
54 प्रतिशत लोगों ने कहा- क्रिप्टोकरेंसी को वैध न करे सरकार
पिछले 15 दिन में 56,000 लोगों पर किए गए इस सर्वे में 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे नहीं चाहते कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को वैध करे, बल्कि इस पर विदेश में जमा डिजिटल करेंसी की तरह टैक्स लगाए।
26 प्रतिशत लोग ऐसे रहे जिन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को वैध किया जाना चाहिए और फिर इस पर टैक्स लगाया जाना चाहिए।
सर्वे में शामिल 20 प्रतिशत लोगों ने कोई मत नहीं दिया।
महत्वपूर्ण बिंदु
71 प्रतिशत को क्रिप्टोकरेंसी पर भरोसा नहीं, विज्ञापनों पर रोक का भी समर्थन
सर्वे में 71 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी पर बहुत कम या बिल्कुल भरोसा नहीं है।
लोगों में क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों के प्रति भरोसे की कमी भी देखी गई और 76 प्रतिशत ने कहा कि रेगुलेशन आने तक विज्ञापनों पर रोक लगा देनी चाहिए।
74 प्रतिशत ने कहा कि इन विज्ञापनों में निवेश के खतरों को अच्छी तरह से नहीं बताया जा रहा है।
केवल पांच प्रतिशत लोग ऐसे रहे जो विज्ञापन जारी रखने के समर्थन में थे।
अन्य आंकड़े
मात्र एक प्रतिशत लोगों को क्रिप्टोकरेंसी पर बहुत भरोसा
सर्वे के अन्य बिंदुओं की बात करें तो केवल एक प्रतिशत लोग ऐसे रहे जिन्हें क्रिप्टोकरेंसी पर बहुत भरोसा है। 12 प्रतिशत लोगों को इस पर औसत भरोसा है, वहीं 16 प्रतिशत ने कोई राय नहीं दी।
सर्वे में 51 प्रतिशत लोग RBI के खुद की क्रिप्टोकरेंसी लाने के समर्थन में पाए गए।
इसके अलावा ये भी सामने आया कि देश के 87 परिवारों में से किसी ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं किया है।
विधेयक
क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक लाने जा रही है सरकार
बता दें कि ये सर्वे ऐसे समय पर आया है जब भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक लाने जा रही है।
इस विधेयक की प्रस्तावना में लिखा है कि इसका मकसद देश में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना है और RBI द्वारा लाई जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए फ्रेमवर्क तैयार करना है।
इस खबर के बाद मार्केट क्रैश कर गई थी। हालांकि अब इंडस्ट्री सूत्रों ने कहा है कि सरकार बैन नहीं लगाएगी और क्रिप्टोकरेंसी को केवल रेगुलेट करेगी।