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मालेगांव विस्फोट मामला: प्रज्ञा ठाकुर का दावा- प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने को मजबूर किया
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मालेगांव विस्फोट मामले में जांचकर्ताओं पर लगाए गंभीर आरोप

मालेगांव विस्फोट मामला: प्रज्ञा ठाकुर का दावा- प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने को मजबूर किया

Aug 02, 2025
07:40 pm

क्या है खबर?

पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बरी किए जाने के बाद शनिवार को बड़ा दावा किया है। उन्होंने मामले के जांचकर्ताओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस घटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत सहित अन्य का नाम लेने के लिए उन पर दबाव डाला था। उनके इस बयान से सियासी गलियारों में खलबली मच गई है।

बयान

साध्वी प्रज्ञा ने क्या दिया बयान?

NDTV के अनुसार, साध्वी प्रज्ञा ने कहा, "मुझे हिरासत में प्रताड़ित किया गया और जांचकर्ताओं ने अस्पताल में अवैध हिरासत में रखा। मैं गुजरात में रहती थी, इसलिए उन्होंने मुझसे प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने को भी कहा, लेकिन मैंने किसी का नाम नहीं लिया क्योंकि वे मुझे झूठ बोलने पर मजबूर कर रहे थे।" उन्होंने कहा, "जांचकर्ताओं ने मुझे आदित्यनाथ, भागवत, वरिष्ठ भाजपा नेता राम माधव और इंद्रेश कुमार का नाम लेने के लिए भी मजबूर किया था।"

लालच

"नाम लेने के लिए दिया था न मारने का लालच"

साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया, "जांचकर्ताओं ने कहा कि इन लोगों के नाम ले लोगी, तो हम तुम्हें नहीं मारेंगे। कांग्रेस इस झूठे मामले के पीछे है, जो भगवा और सशस्त्र बलों को बदनाम करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।" उन्होंने कहा, "मुंबई की बायकुला जेल में बंद रहने के दौरान मैने कई बार खराब स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की थी, लेकिन 2017 तक मेरी जमानत याचिकाएं बार-बार खारिज कर दी गईं।"

दावा

कांग्रेस कभी राष्ट्रवादी पार्टी नहीं बन सकती- साध्वी प्रज्ञा

साध्वी प्रज्ञा ने कहा, "कांग्रेस धर्म विरोधी है। वह लोगों को बांटने और आतंकवादियों को पालने वाली पार्टी है। कांग्रेस कभी राष्ट्रवादी पार्टी नहीं बन सकती है।" उन्होंने आगे आरोप लगाया, "जेल में मुझे कभी भी उचित चिकित्सा देखभाल नहीं दी गई, केवल इतना ही दिया गया कि मैं किसी तरह जीवित रह सकूं। यही कारण है कि आज मैं इस हालत में पहुंच गई हूं। आज मैं अंदर से पूरी तरह कमजोर हो गई हूं।"

बरी

साध्वी प्रज्ञा को मामले से कर दिया गया है बरी

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने 31 जुलाई को मालेगांव विस्फाेट मामले में साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत 7 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने कहा था कि केवल संदेह के आधार पर मामले को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को संदेह से परे साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है।

जानकारी

क्या है मालेगांव विस्फोट मामला?

मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के बाहर मोटरसाइकिल में विस्फोटक लगाकर धमाका किया गया था। धमाके में 6 लोगों की मौत हुई। मामले की जांच पहले महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने की, जो 2011 में NIA को सौंपी गई।