महाकुंभ में सबसे अधिक महिलाएं अपनों से बिछड़ीं, डिजिटल खोया-पाया केंद्र से मिलाना हुआ आसान
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 का समापन हो चुका है और अब वहां तंबू हटाए जाने की प्रक्रिया चल रही है।
पौष पूर्णिमा पर 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ पूरे 45 दिन तक चला, जिसमें 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करने के लिए पहुंचे।
इस बीच 54,357 श्रद्धालु अपनों से बिछड़ गए, जिनको महाकुंभ के बाद भी खोया-पाया केंद्रों की ओर से उनके परिजनों से मिलाया जाता रहा।
महाकुंभ
सबसे अधिक बिछड़ीं महिलाएं
महाकुंभ में खोए लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के अलावा निजी संस्थाएं भी काम संभाल रही थीं।
महाकुंभ के अमृत स्नान पर मकर संक्रांति के दौरान 598, मौनी अमावस्या के दौरान 8,725 और बसंत पचंमी के 864 श्रद्धालु खो गए थे, जिन्हें मिलाया गया।
इसके अलावा अन्य दिनों में 24,896 बिछड़े लोगों को मिलाया गया। प्रशासन ने पूरे महाकुंभ में 35,083 लोगों को मिलाया।
बिछड़ने वालों में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की थी।
सेवा
निजी संगठनों ने भी बिछड़ों को मिलाया
कुंभ से काफी पुराने समय से जुड़ी रही संस्था भारत सेवा केंद्र और हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति ने भी बिछड़े लोगों को मिलाने का काम किया।
भारत सेवा केंद्र के निदेशक उमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि महाकुंभ के अंत तक कुल 19,274 खोए लोगों को उनके परिवारों से मिलवाया जा चुका था।
कुल 18 बच्चे भी लापता थे, जिनको सुरक्षित तरीके से घर पहुंचाया गया।
बिछड़ने वालों में आसपास के राज्यों के अलावा नेपाल के श्रद्धालु भी थे।
तकनीक
डिजिटल तकनीक बनी मददगार
प्रशासन ने महाकुंभ में खोए लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से युक्त केंद्र बनाए थे।
पूरे महाकुंभ क्षेत्र में कुल 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र बनाए गए थे, जिसमें AI तकनीक से चेहरे की पहचान की प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषी तकनीक का इस्तेमाल किया गया।
इस केंद्र के माध्यम से कुल 35,083 लोगों को उनके परिजनों से मिलाया गया।
महाकुंभ में कितने खोए लोग परिवार से नहीं मिल पाए, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
जानकारी
कई लोगों को परिवार के लोग जानबूझकर छोड़ गए
महाकुंभ में ऐसे मामले भी सामने आए, जिसमें कई लोग अपने परिवार के लोगों को जानबूझकर भीड़ में अकेला छोड़कर चले गए। इसमें बुजुर्ग दंपति, बुजुर्ग महिलाएं और बुजुर्ग पुरुष शामिल हैं। एक महिला को उसका पति भी महाकुंभ में छोड़कर चला गया था।