हैदराबादः 10 मिनट तक नहीं खुला एंबुलेंस का दरवाजा, चली गई मरीज की जान
इमरजेंसी में किसी के लिए एक-एक पल कितना जरूरी होता है यह आपको इस घटना से समझ आएगा। दरअसल, हैदराबाद में एक शख्स को हार्ट अटैक आया था और उसे तुरंत इलाज की जरूरत थी। उसके लिए एंबुलेंस बुलाई गई, लेकिन उसका दरवाजा जाम हो गया। काफी देर की मशक्कत के बाद एंबुलेंस का दरवाजा खुला, लेकिन तब तक उस शख्स की जान जा चुकी थी। आइये, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
10 मिनट की मशक्कत के बाद खुले दरवाजे
दरअसल, कारपेंटर का काम करने वाले आनंद ट्रेन में सवार होकर हैदराबाद जा रहे थे। इस दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और वो बेहोश हो गए। उनके साथ सफर कर रहे दूसरे लोगों ने उन्हें संभाला और एंबुलेंस को भी बुला लिया। जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंची, लोग उन्हें एंबुलेंस की तरफ ले गए। एंबुलेंस पहले से तैयार थी, लेकिन इसके दरवाजे नहीं खुल रहे थे। 10 मिनट की मशक्कत के बाद इसका दरवाजा खुला।
दरवाजा खुलने से पहले चली गई आनंद की जान
जब वहां मौजूद लोग एंबुलेंस का दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहे थे, उसी दौरान आनंद ने दम तोड़ दिया। एंबुलेंस के साथ मौजूद पैरामैडिक स्टाफ के रवि ने बताया, "कुछ देर तक एंबुलेंस का दरवाजा नहीं खुला था। दरवाजा खुलने के बाद जब हमने मरीज को इमरजेंसी केयर दिया, तब तक उनकी जान जा चुकी थी।" लोगों ने बताया कि एंबुलेंस समय पर पहुंची थी, लेकिन इसकी मरम्मत नहीं होने के कारण एक जान चली गई।
एंबुलेंस की हालात पर उठे सवाल
इस पूरी घटना के दौरान आनंद को संभालने वाले एक यात्री मजहर ने बताया कि लोगों ने उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश की। एक मेडिकल छात्र ने उनकी धड़कन को बनाये रखने के लिए उनकी छाती को भी दबाया। उन्होंने एंबुलेंस की हालत पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में एंबुलेंस की मरम्मत नहीं होने की वजह से उसका दरवाजा अटक गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पर ध्यान देने की मांग की है।