तंबाकू सिगरेट से कैसे अलग है ई-सिगरेट और प्रतिबंध से सरकार को क्या फायदा हुआ? जानें
क्या है खबर?
बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशभर में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की घोषणा की, जिसके बाद अब इनका निर्माण, उत्पादन, आयात, निर्यात, वितरण, स्टोरेज और विज्ञापन गैर-कानूनी होगा।
एक से अधिक बार ये कानून तोड़ने पर पांच लाख रुपये जुर्माना और तीन साल तक जेल हो सकती है।
लेकिन आखिर ई-सिगरेट क्या है और ये पारंपरिक तंबाकू सिगरेट से कैसे अलग है और इस फैसले से सरकार को क्या फायदा होगा, आइए आपको बताते हैं।
ई-सिगरेट
क्या है ई-सिगरेट और तंबाकू सिगरेट से कैसे अलग है?
ई-सिगरेट बैटरी पर चलने वाली सिगरेट है जिसमें निकोटिन का सॉल्यूशन गर्म होकर भाप के रूप में पीने वाले के फेफड़ों में जाता है।
इसे बेचने वाली ज्यादातर कंपनियां विदेशी हैं और उनका दावा है कि ई-सिगरेट पारंपरिक सिगरेटों के मुकाबले कम हानिकारक है।
उनका कहना है कि क्योंकि ई-सिगरेट में केवल निकोटीन होता है और इसके अलावा तंबाकू सिगरेट में पाए जाने वाले अन्य हानिकारक पदार्थ नहीं होते हैं।
नुकसान
ई-सिगरेट से होते हैं ये नुकसान
पारंपरिक सिगरेट पर इन फायदों के बावजूद ई-सिगरेट पीने के भी अपने नुकसान हैं।
निकोटीन से मानसिक बीमारियों, दिल और फेफड़ों संबंधी बीमारियों का खतरा रहता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार इसमें कार्सिनोजन भी होता है जो कैंसर का एक कारक है।
एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में ई-सिगरेट पीने से सात लोगों की मौत हो चुकी है और 380 से अधिक लोगों को फेफड़ों से संबंधित बीमारियां हुई हैं। अमेरिका में ई-सिगरेट बेहद लोकप्रिय है।
जानकारी
'ई-सिगरेट से हो रही है DNA में खराबी'
मई में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने एक श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा था कि ई-सिगरेट जैसे उत्पादों के सेवन से DNA में खराबी और कैंसर जैसी बीमारियां हो रही हैं। ICMR ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की सिफारिश की थी।
आर्थिक फायदा
तंबाकू कंपनियों में केंद्र सरकार की बड़ी हिस्सेदारी
अब बात करते हैं कि इन पर बैन से सरकार को क्या फायदा होगा।
ई-सिगरेट पर प्रतिबंध को सरकार के आर्थिक हितों से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल, तंबाकू का कारोबार करने वाली कम से कम दो कंपनियों, ITC लिमिटेड और VST इंडस्ट्रीज लिमिटेड, में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी है।
जाहिर सी बात है कि ई-सिगरेट का चलन बढ़ने पर तंबाकू की इन कंपनियों के कारोबार में कमी आती है और इससे सरकार को भी बड़ा नुकसान होता।
शेयर कीमत
एक दिन में सरकार को हुआ 1,000 करोड़ रुपये का फायदा
अगर बुधवार का ही उदाहरण लें तो ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद इन तंबाकू कंपनियों के शेयरों की कीमत में वृद्धि हुई और इससे सरकार को एक ही दिन में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
घोषणा के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचित कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमत में नौ प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।
वहीं, सरकार की 28.64 हिस्सेदारी वाली ITC लिमिटेड के शेयरों की कीमत में 1.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
प्रतिबंध
मोदी सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडे में शामिल था ई-सिगरेट पर प्रतिबंध
इससे पहले कल ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की घोषणा करते हुए सीतारमण ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी थी कि ई-सिगरेट के 400 से ज्यादा ब्रांड्स हैं, जो 150 फ्लेवर मे सिगरेट बेचते हैं और ये सभी ब्रांड विदेशी हैं।
उन्होंने कहा था कि युवाओं को ई-सिगरेट पीना कूल लगता है और इसलिए वो इसके अधिक आदी हो रहे हैं।
ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाना मोदी सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडे में शामिल था।