ई-सिगरेट को ड्रग्स की श्रेणी में रखकर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में सरकार
क्या है खबर?
सरकार देश में बिक रही इलेक्ट्रोनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। सरकार इन्हें ड्रग्स की कैटेगरी में रखकर इन पर प्रतिबंध लगाएगी।
आम सिगरेट की तरह इसमें निकोटीन की जगह एक लिक्विड होता है, जिसमें निकोटीन हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता।
बता दें, अभी देश में ई-सिगरेट की बिक्री को लेकर किसी प्रकार के नियम नहीं है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
ई-सिगरेट
भारत में ई-सिगरेट के 460 ब्रांड्स
ई-सिगरेट को लेकर किसी प्रकार के नियम नहीं है। सरकार इस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारियां शुरू कर चुकी है।
हालांकि, तंबाकू उत्पादों के मौजूदा कानूनों के मुताबिक, सरकार केवल सिगरेट की बिक्री को नियंत्रण कर सकती है, लेकिन इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में बैटरी से चलने वाली ई-सिगरेट के लगभग 460 ब्रांड्स मौजूद है और ये 7,700 फ्लेवर्स में मौजूद हैं।
पैनल
सरकार ने गठित किया पैनल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने इस मामले में अंतिम निर्णय लेने से पहले एक पैनल गठित किया है।
पैनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ई-सिगरेट को 'ड्रग्स' की श्रेणी में रखा जा सकता है क्योंकि लोग दूसरे उद्देश्यों के साथ-साथ इसे निकॉटिन की आदत छोड़ने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।
बता दें, ई-सिगरेट को लेकर काफी विवाद रहा है और कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि ये सेहत के लिए हानिकारक होती हैं।
एजेंडा
मोदी सरकार के 100 दिन के एजेंडे में शामिल है ई-सिगरेट पर बैन लगाना
ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाना मोदी सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडे में शामिल था।
देश में ई-सिगरेट को किसी प्रकार का लाइसेंस नहीं मिला है और इसे गैर-कानूनी तरीके से देश में बेचा जाता है।
ई-सिगरेट की मार्केटिंग धुम्रपान की आदत छोड़ने में मदद करने वाले डिवाइस की तौर पर की गई, जिसके बाद ये युवाओं के बीच एक फैशन स्टेटमेंट बन गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय अब इसके निर्माण, आयात और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है।
जानकारी
सरकारी स्तर पर प्रयास करने की जरूरत- अधिकारी
लाइव मिंट को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि ई-सिगरेट के इस्तेमाल को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर उपाय किए जाने की जरूरत है। बिना लाइसेंस का यह उत्पाद ऑनलाइन पोर्टल्स पर धड़ल्ले से बिक रहा है। अब मंत्रालय इसे प्रतिबंधित करेगा।