
G-20 सम्मेलन: कैसे 'कोड वर्ड' के जरिए दिल्ली पुलिस ने सुनिश्चित की वैश्विक नेताओं की सुरक्षा?
क्या है खबर?
G-20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए दुनिया के शीर्ष नेता भारत की तारीफ कर रहे हैं। सम्मेलन में शिरकत करने लिए दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेता दिल्ली में 3 दिनों तक रुके थे।
इन मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था कई होटलों में की गई थी, जिनके लिए दिल्ली पुलिस ने 'कोड वर्ड' इस्तेमाल किए। इसके पीछे की वजह VVIP गतिविधियों से जुड़े सुरक्षा कारण थे।
आइए जानते हैं कि दिल्ली पुलिस ने G-20 नेताओं की सुरक्षा कैसे की।
रिपोर्ट
VVIP गतिविधियों को लेकर होता है विशेष प्रोटोकॉल
विशेष प्रोटोकॉल के तहत अगर कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष भारत यात्रा पर होता है तो उनकी सुरक्षा में तैनात विभिन्न टीमों के बीच रेडियो बातचीत के दौरान असली गतंव्य का नाम नहीं लिया जाता है।
NDTV को दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि G-20 सम्मेलन के दौरान भी VVIP गतिविधियों की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए प्रत्येक होटल को कोड वर्ड में नाम दिए गए थे।
उन्होंने बताया कि पेंडोरा, समारा और पैरामाउंट जैसे कोड वर्ड दिए गए थे।
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कैसे तय हुए कोड वर्ड?
पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक कोड वर्ड का इस्तेमाल विदेशी राष्ट्र प्रमुखों की सुरक्षा टीमों, विशेष सुरक्षा समूह (SPG) और दिल्ली पुलिस के उच्चतम अधिकारियों के बीच बैठक में तय किया गया।
जूनियर स्तर के पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों को इन कोड वर्ड के बारे में नहीं बताया गया था।
भारत दौरे के लिए लिए आए सभी महमानों के सुरक्षा इंतजामात केंद्रीय गृह मंत्रालय की सीधी निगरानी में थे।
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किस होटल के लिए कौन-सा कोड नाम इस्तेमाल किया गया?
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 'पेंडोरा' कोड नाम का इस्तेमाल ITC मौर्य शेरेटन होटल के लिए हुआ। इस होटल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन रुके थे।
शांगरी ला होटल के लिए 'समारा' नाम का इस्तेमाल किया गया, जिनमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति ठहरे थे।
इसी तरह ताज मान सिंह होटल के लिए 'पैरामाउंट' नाम इस्तेमाल किया गया। इस होटल में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ठहरे थे।
अन्य
विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के गंतव्य के लिए भी तय होता है 'कोड वर्ड'
इसी तरह G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान द ललित, द ग्रैंड, द क्लेरिजेस और अन्य अस्थायी होटलों के भी कोड नाम रखे गए थे।
इसके अलावा कोड वर्ड का इस्तेमाल विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के गंतव्यों के लिए भी किया गया।
रविवार सुबह बारिश के बीच G-20 समूह के नेता राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इस गतंव्य के लिए 'रुदपुर' कोड इस्तेमाल किया गया।
इसी तरह सम्मेलन के आयोजन स्थल प्रगति मैदान को 'निकेतन' नाम दिया गया था।
प्रोटोकॉल
सम्मेलन में 2 बार सुरक्षा प्रोटोकॉल का हुआ उल्लंघन
शिखर सम्मेलन में कड़े सुरक्षा इंतजामों के बावजूद विदेश राष्ट्र प्रमुखों के प्रोटोकॉल का कम से कम 2 बार उल्लंघन हुआ।
पहले मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के काफिले की एक कार UAE राष्ट्रपति की मेजबानी करने वाले होटल में पहुंच गई। ड्राइवर एक कारोबारी को लेने यहां पहुंचा था।
इसी तरह दूसरे मामले में UAE के राष्ट्रपति के लिए आरक्षित ताज मान सिंह होटल में एक सऊदी व्यक्ति ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की।