जम्मू-कश्मीर में दो सिख युवतियों का जबरन धर्मांतरण, अकाल तख्त की धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में दो सिख समुदाय की युवतियों के जबरन धर्मांतरण और एक की मुस्लिम युवक से शादी कराने जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले को लेकर देशभर के सिख समुदाय में रोष व्याप्त है।
इसी बीच जम्मू-कश्मीर के अकाल तख्त साहिब ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर राज्य में भी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर धर्मांतरण विरोधी कानून लागू करने तथा दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
प्रकरण
18 वर्षीय युवती का अपहरण कर 60 वर्षीय मुस्लिम बुजुर्ग से कराया निकाह
TOI के अनुसार गत सोमवार को कश्मीर के रैनवाड़ी क्षेत्र से बंदूक की नोक पर एक 18 वर्षीय सिख युवती का अपहरण किया गया था। इसके बाद पहले उसका जबरन धर्मांतरण कराया गया और बाद में 60 वर्षीय बुजुर्ग से उसका निकाह करा दिया।
युवती के विकलांग माता-पिता का आरोप है कि बुजुर्ग की पहले से तीन शादी हो चुकी है और उसके बच्चे भी हैं। निकाह के बाद गत शनिवार को उनकी बेटी चांदूसा क्षेत्र में मिली थी।
जानकारी
श्रीनगर हाईकोर्ट ने निकाह को ठहराया वैध
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बेटी और आरोपी बुजुर्ग को बदामद का श्रीनगर हाई कोर्ट में पेश किया था, जहां कोर्ट ने निकाह को वैध ठहराते हुए उनकी बेटी को बुजुर्ग और उसके परिवार के सुपुर्द करने के आदेश जारी कर दिए।
अन्य मामला
कार्यक्रम में शामिल होने गई युवती का मुस्लिम युवक से कराया निकाह
एक अन्य मामले में श्रीनगर के ही महजूर नगर निवासी अपने मुस्लिम दोस्त के यहां आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने गई थी।
इसके बाद उसका कार्यक्रम में आए एक अन्य मुस्लिम युवक से निकाह करा दिया गया। युवती अभी भी लापता बताई जा रही है।
परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस अब युवती की तलाश में जुटी हुई है। इधर, घटना को लेकर कश्मीर के सिख समुदाय के लोगों में भारी रोष व्याप्त है।
विरोध
घटना के विरोध में आगे आए सिख समुदाय के कई नेता
घटना को लेकर जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं ने शनिवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) सहित अन्य सिख निकायों को इसकी सूचना दे दी।
इसके बाद रविवार को DSGMC अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा कश्मीर पहुंचकर विरोध का नेतृत्व किया और गुरुद्वारा शहीद बुंगा साहिब में सभा आयोजित की।
इस दौरान उन्होंने सिख समुदाय के 200 लोगों के साथ सड़क पर मार्च निकाला और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जानकारी
मनजिंदर सिंह ने कश्मीरी नेताओं से की सहयोग की अपील
मनजिंदर सिंह ने कश्मीरी नेताओं से मदद करने की अपील करते हुए कहा कि CAA के विरोध के दौरान मुस्लिम बेटियों को सुरक्षित घर पहुंचाने में सिख सबसे आगे थे, लेकिन आज उनकी बेटियों की मदद के लिए कोई मुस्लिम आगे नहीं आ रहा है।
मांग
मनजिंदर सिंह ने कश्मीर के राजनेताओं से की कार्रवाई की मांग
मनजिंदर सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजनेताओं को जबरन धर्मांतरण और निकाह के खिलाफ बोलना चाहिए और ऐसे निकाह कराने वाले काजियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उनका सामाजिक बहिष्कार भी किया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सिख समुदाय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र शासित प्रदेश में भी धर्मांतरण विरोध कानून लागू करने की मांग करता है।
शिरोमणि अकाली दल ने भी घटना की निंदा की है।
ज्ञापन
उपराज्यपाल से मिला सिख समुदाय का प्रतिनिधि मंडल
मामले में सिख समुदाय के प्रतिनिधि मंडल ने रविवार को मनजिंदर सिंह के नेतृत्व में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, संभागीय आयुक्त पांडुरंग के पोल और पुलिस अधिकारियों से मिलकर मामले में त्वरित कार्रवाई करने तथा धर्मांतरण विरोध कानून लागू करने की मांग की है।
इस दौरान उपराज्यपाल ने दोनों युवतियों को उनके परिजनों को सौंपने, अल्पसंख्यक आयोग का गठन करने तथा जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए विशेष कानून लागू करने का आश्वासन दिया है।
पत्र
अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने भी भेजा उपराज्यपाल को पत्र
मामले में अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी उपराज्यपाल को पत्र भेजकर राज्य में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर धर्मांतरण विरोध कानून लागू करने की मांग की है।
उन्होंने पत्र में कहा कि कश्मीर में बार-बार हो रही इस तरह की घटनाओं से दुनिया भर के सिख समुदाय में गुस्सा है।
वह उम्मीद करते हैं कि सिखों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए आप उचित कदम उठाएंगे।