आज पूरे दिन पुलिस से झड़प के बाद किसानों ने 'सीजफायर' का ऐलान कर दिया है। किसान नेताओं ने कहा कि वे कल फिर से दिल्ली की तरफ मार्च करने का प्रयास करेंगे।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पुलिस के साथ संघर्ष में लगभग 100 किसान घायल हुए हैं। कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है।
बता दें कि किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने पंजाब-हरियाणा के संधू बॉर्डर पर दिनभर आंसू गैस छोड़ी। इसके लिए ड्रोन तक का इस्तेमाल किया गया, जो अब से पहले भारत में नहीं देखा गया। इसके अलावा पुलिस ने वाटन कैनन का भी इस्तेमाल किया।
किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने की घोषणा की है। राहुल गांधी ने एक्स पर यह जानकारी साझा की।
राहुल गांधी ने लिखा, 'किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है! कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार MSP की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है। यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा। न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है।'
#WATCH | Haryana: Protesting farmers forcibly remove the cement barricade in Haryana's Kurukshetra#FarmersProtest pic.twitter.com/qifYSpsHpv
— ANI (@ANI) February 13, 2024
पंजाब-हरियाणा के संधू बॉर्डर पर अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस ने आंसू गैस के गोलों के बाद किसानों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया।
हालांकि, किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कुछ बैरिकेड्स उठाकर पुल से नीचे फेंक दिए हैं।
तमिलनाडु के ट्रिची में किसानों के एक समूह ने हरियाणा-पंजाब के किसानों की 'दिल्ली चलो' मार्च का समर्थन किया है। किसान नेता पी अय्याकन्नू ने कहा, "संविधान के अनुसार हम अपने अधिकारों के लिए देश के अंदर स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं, लेकिन पुलिस किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन नहीं करने दे रही है। अगर प्रधानमंत्री मोदी आगामी लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु की किसी सीट से लड़ते हैं तो किसान उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारेंगे।"
#WATCH | Protesting farmers forcibly remove the cement barricade with their tractors as they try to cross over the Haryana-Punjab Shambhu border. pic.twitter.com/gIyGNy8wsi
— ANI (@ANI) February 13, 2024
शंभू बॉर्डर पर हालात नाजुक बने हुए हैं। पुलिस लगातार ड्रोन की मदद से आंसू गैस छोड़ किसानों को पीछे हटाने में लगी हुई है, वहीं किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है। प्रदर्शनकारी किसान बैरिकेडिंग के करीब पहुंच गए हैं। किसानों के पथराव करने की खबर भी है।
इसके अलावा पंजाब से 5,000 किसानों के एक और जत्थे के शंभू सीमा पहुंचने की खबर है।
किसानों ने सरकार से कहा कि बातचीत और ताक़त का प्रदर्शन और बार्डर पर कीलें एक साथ नहीं हो सकती
— Saurabh shukla (@Saurabh_Unmute) February 12, 2024
गुलाब और बंदूक साथ नहीं चल सकते #FarmerProtest
दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने सख्ती दिखाई। उन्होंने किसानों को 200 मीटर पीछे किया है। हालांकि, किसान अभी भी डटे हुए हैं। शंभू बॉर्डर सीमा पर किसानों की पुलिस से कहासुनी भी हुई थी।
सीमा पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात है। यहां कंक्रीट के बड़े-बड़े अवरोधक भी बनाए गए हैं।
पंजाब-हरियाणा का शंभू सीमा पर न केवल हरियाणा पुलिस आंसू गैस के गोले दाग रही है, बल्कि ड्रोन से भी किसानों पर आंसू गैस छोड़ी जा रही है। आंसू गैस से किसानों को परेशानी हो रही है। तस्वीरों में चारों तरफ धुआं ही धुआं देखा जा सकता है।
#WATCH | Police fire tear gas to disperse protesting farmers at Punjab-Haryana Shambhu border.
— ANI (@ANI) February 13, 2024
The protesters are demanding a law guaranteeing MSP for crops. pic.twitter.com/TRCI8gZ2M9
दिल्ली की तरफ मार्च कर रहे पंजाब के किसान लंबे प्रदर्शन की तैयारी करके आए हैं। गुरदासपुर के किसान हरभजन सिंह ने NDTV से कहा कि, "सुई से लेकर हथौड़े तक, हमें जो भी चाहिए, वो हमारी ट्रॉलियों में है। इनमें पत्थर तोड़ने के उपकरण भी शामिल हैं। हम 6 महीने के राशन के साथ अपने घरों से निकले हैं। हमारे पास पर्याप्त डीजल है, बल्कि हरियाणा के हमारे भाइयों के लिए भी है।"
2020 के किसान आंदोलन का भी हिस्सा रहे हरभजन ने कहा कि इस बार वो तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मांग ली जातीं।
दिल्ली सरकार ने बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल में तब्दील करने के केंद्र सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर दिया है। केंद्र ने किसानों की दिल्ली मार्च को देखते हुए ये अनुरोध किया था।
दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने अनुरोध अस्वीकार करते हुए कहा, "किसानों की मांगें जायज हैं। दूसरा, शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। इसी कारण किसानों को गिरफ्तार करना अनुचित है। देश के किसान हमारे 'अन्नदाता' हैं और उन्हें गिरफ्तार करना उसके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा होगा। हम केंद्र सरकार के इस फैसले का हिस्सा नहीं बन सकते।"
सरवन सिंह ने आरोप लगाया कि पंजाब और हरियाणा के गांवों में लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है और ऐसा लगता है कि ये दोनों भारत के राज्य नहीं हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमा हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा को कश्मीर घाटी में बदल दिया गया है और हर गांव में पुलिस और वाटर कैनन भेजे गए हैं।
उन्होंने दावा किया, "ये कहा जा रहा है कि अगर आपका बेटा MBBS कर रहा है तो उसे ये नहीं करने दिया जाएगा। आपके भाई को नौकरी से निकाल दिया जाएगा, आपके पासपोर्ट को रद्द कर दिया जाएगा।"
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि कल हुई बैठक में किसानों ने किसी भी तरह के फैसले पर पहुंचने की पूरी कोशिश की, ताकि सरकार के साथ टकराव रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए वे 5 घंटे बैठक में बैठे रहे, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
किसानों के मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली की सीमाओं पर भारी बैरिकेडिंग की हुई है और रास्ते सील कर दिए हैं, इसके कारण सीमाओं पर भारी जाम लग गया है। दिल्ली को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और नोएडा से जोड़ने वाले गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर पर कारों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।
दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर भी भारी जाम है।
दिल्ली मार्च से पहले ही मुद्दे को सुलझाने के लिए कल चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान संगठनों के बीच एक अहम बैठक हुई, जो देर रात तक चली। बैठक में किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमों को रद्द करने, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देने और विद्युत अधिनियम, 2020 को रद्द करने पर सहमति बनी।
हालांकि, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने और किसानों का कर्ज माफ करने जैसे अहम मांगों पर कोई सहमति नहीं बनी।
#WATCH | Farmers begin their 'Delhi Chalo' march from Fatehgarh Sahib in Punjab. pic.twitter.com/WE7mXiPu9J
— ANI (@ANI) February 13, 2024
दिल्ली की सिंघू, टिकरी और गाजीपुर की सीमाओं पर बैरिकेड्स, कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटीले तारों के जरिए रास्ते अवरुद्ध किए गए हैं। पूरी राष्ट्रीय राजधानी में पहले ही धारा 144 लागू कर दी गई है और यह 12 मार्च तक लागू रहेगी।
किसानों की सरकार से कई मांगे हैं। इनमें MSP पर कानून, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, किसान आंदोलन में शामिल किसानों की कर्ज माफी, वृद्ध किसानों को पेंशन, कृषि उत्पादों के आयात शुल्क कमी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार और भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 लागू करना प्रमुख हैं।