
ED ने MUDA मामले में 100 करोड़ रुपये की कीमत वाली 92 संपत्तियों को जब्त किया
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) के घोटाले में 100 करोड़ रुपये की कीमत वाली 92 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। ED ने यह कार्रवाई रविवार 9 जून को धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत की है, जो मैसूर में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के आधार पर शुरू की गई जांच से उपजी है। घोटाले में कथित तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नाम भी शामिल है।
कार्रवाई
किन संपत्तियों को किया गया जब्त?
ED के अधिकारियों ने बताया कि कुर्की की कार्रवाई उन विचाराधीन संपत्तियों पर की गई हैं, जो MUDA स्थल हैं और आवास सहकारी समितियों और कुछ व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग MUDA के अधिकारियों सहित प्रभावशाली व्यक्तियों के मुखौटे या दलाल बताए जाते हैं। बता दें कि लोकायुक्त द्वारा FIR दर्ज करने के बाद ED ने इसकी जांच शुरू की है।
मामला
क्या है MUDA घोटाला?
सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास कर्नाटक के मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी, जो उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार में दी थी। इस जमीन को MUDA ने विकास के लिए अधिग्रहित किया था, जिसके बदले पार्वती को विजयनगर तीसरे और चौथे चरण के लेआउट में 38,283 वर्ग फीट की जमीन दी गई। आरोप है कि केसारे गांव की तुलना में इस जमीन की कीमत काफी ज्यादा है। मामले में ED जांच कर रही।
शिकायत
RTI कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज
सूचना का अधिकार (RTI) कानून कार्यकर्ता कृष्णा ने मामले में लोकायुक्त, CBI या किसी अन्य एजेंसी से जांच की मांग की थी, जिसके बाद एक विशेष कोर्ट ने सितंबर, 2024 को लोकायुक्त पुलिस को जांच सौंपी। आरोप था कि मैसूर के बाहरी इलाके में जमीन के बदले एक पॉश इलाके में भूखंड देने से राज्य को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मामले में सिद्धारमैया, पार्वती, उनके बेटे एस यतींद्र और शहरी विकास निकाय के वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप था।