दिल्ली: फर्जी कॉल सेंटर की आड़ में लगाया 90 करोड़ रुपये का चूना, 54 गिरफ्तार
क्या है खबर?
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मोती नगर इलाके में फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर विदेशियों से करोड़ों रुपयें की ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है।
पुलिस ने कॉल सेंटर पर दबिश देकर वहां काम करने वाले 54 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी पिछले 2.5 साल में करीब 4,500 विदेशियों से 90 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं।
पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने में जुटी है।
प्रकरण
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दिया कार्रवाई को अंजाम
साइबर अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त (DCP) अन्येश रॉय ने बताया कि गत दिनों मुखबिर ने मोती नगर इलाके में फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर विदेशी नागरिकों को निशाना बनाए जाने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस ने सूचना की जांच की तो वह सही पाई गई।
इसके बाद पुलिस ने बुधवार शाम को छापेमारी कर मौके से नौ महिलाओं सहित कुल 54 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
मौके से 89 डेस्कटॉप कंप्यूटर और सर्वर जब्त किया गया है।
ठगी
जांच एजेंसियों के अधिकारी बनकर ठगी करते थे आरोपी
DCP रॉय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अमेरिकी सहित विदेशी नागरिकों से अमेरिकी सामाजिक सुरक्षा प्रशासन, अमेरिकी मादक पदार्थ प्रवर्तन प्रशासन, अमेरिकी मार्शल सेवा जैसी कानून प्रवर्तन या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बनकर ठगी को अंजाम देते थे।
आरोपी विदेशी नागरिकों के सोशल सिक्योरिटी नंबर का डाटा और फोन नंबर लेकर उन्हें वॉइस मेल के जरिए प्री रिकॉर्डिड मेसेज भेजते थे। किसी नागरिक के इसका जवाब देने पर ठगी का खेल शुरू होता था।
धमकी
गिरफ्तारी की धमकी देकर बनाते थे विदेशी नागरिकों को शिकार
DCP रॉय ने बताया कि विदेशी नागरिक का कॉल आने पर आरोपी उन्हें सोशल सिक्योरिटी नंबर के एडमिन की तरफ से बात करने तथा उनका नम्बर क्राइम सीन पर मिलने या उनके बैंक खाते में टेरर फंडिंग व ड्रग्स का पैसा आने की बात कहते थे।
आरोपी विदेशी नागरिक को उनका बैंक एकाउंट सीज होने और गिरफ्तार किए जाने की धमकी देते थे। इससे विदेशी नागरिक डर जाता था और उनसे बचाव के उपाय पूछने लगता था।
विकल्प
आरोपी विदेशी नागरिकों को देते थे दो विकल्प
DCP रॉय ने बताया कि आरोपी झांसे में फंसे लोगों को दो विकल्प देते थे। पहला यह कि वह गिरफ्तार होकर अपनी संपति जब्त करवा लें। दूसरा यह कि पैसे को उनके सरकारी खाते या बिटकॉइन वॉलेट में ट्रांसफर कर दें या फिर गिफ्ट कार्ड खरीदकर पैसा ट्रांसफर कर दे।
पीड़ित को बैंक खाते से जोड़ने के लिए एक नंबर भी दिया जाता था। पीड़ितों के खाते से पैसा आने के बाद आरोपी खाते को ब्लॉक कर देते थे।
मास्टर माइंड
दुबई में रहता है कॉल सेंटर चलाने वाला मास्टरमाइंड- रॉय
DCP रॉय ने बताया कि फर्जी कॉल सेंटर को चलाने वाला मास्टरमाइंड दुबई में है वो दुबई से ही ऑपरेट कर रहा था।
कॉल सेंटर कर्मचारियों को बाकायदा एक स्क्रिप्ट दी जाती थी, उसी स्क्रिप्ट के आधार पर ये लोग अमेरिका में कॉल करते थे।
उन्होंने बताया कि जांच में यह भी पता चला कि की US नागरिकों का डेटा कोई और उन्हें उपलब्ध कराता था। ऐसे में अब उन आरोपियों का भी पता लगाया जा रहा है।