निर्भया गैंगरेप केस: फिर टली दोषियों की फांसी, कोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रोक
क्या है खबर?
दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी को अगले आदेश तक टाल दिया है।
चारों दोषियों को कल सुबह छह बजे फांसी होनी थी, लेकिन एक दोषी पवन गुप्ता के राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के बाद इसे टाल दिया गया।
अगर राष्ट्रपति पवन की दया याचिका खारिज कर देते हैं तो चारों दोषियों के सारे कानूनी विकल्प खत्म हो जाएंगे और उनकी फांसी का रास्ता साफ हो जाएगा।
फांसी में देरी
पवन के कानूनी विकल्प बचे होने के कारण नहीं हो रही फांसी
बता दें कि चारों दोषियोें में से केवल पवन के पास कानूनी विकल्प बचे हैं। इस वजह से बाकी दोषियों को भी फांसी नहीं हो पा रही है।
पटियाला हाउस कोर्ट अभी तक कुल तीन बार डेथ वारंट जारी कर चुकी है और तीनों बार इस पर रोक लगानी पड़ी है।
आज सुबह ही सुप्रीम कोर्ट ने पवन की क्यूरेटिव पिटिशन को खारिज किया था जिसके बाद उसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका भेज दी।
जानकारी
राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने पर शुरू हो जाएगी उल्टी गिनती
अगर राष्ट्रपति पवन की दया याचिका को खारिज कर देते हैं तो इसके 14 दिन के अंदर दोषियों को फांसी दी जा सकेगी। इस हिसाब से देखा जाए तो पटिलाया कोर्ट के अगले डेथ वारंट के साथ ही फांसी की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी।
सुनवाई
जज ने पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह को जमकर लताड़ा
इससे पहले आज सुनवाई के दौरान पटियाला कोर्ट के जज धर्मेंद राणा ने पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह को जमकर लताड़ लगाई।
जज राणा ने कहा सिंह से कहा, "पहले दिन से जब लोग आपके खिलाफ थे, मैं उनके साथ नहीं था क्योंकि आप अपना कार्य कर रहे थे। उस दिन तब सब ठीक था... आप आग के साथ खेल रहे हैं। आपको सतर्क रहना चाहिए... किसी का एक गलत फैसला और आपको पता है इसके क्या परिणाम होंगे?"
दलील
सरकारी वकील बोले- नहीं थी कोर्ट से अपील करने की जरूरत
सुनवाई के दौरान सरकार के वकील ने डेथ वारंट रद्द करने की एपी सिंह की मांग का विरोध किया।
मांग को गैरजरूरी बताते हुए सरकारी वकील ने कहा कि जैसे ही गृह मंत्रालय के पास दया याचिका पहुंचेगी, वो तिहाड़ जेल प्रशासन को फांसी टालने का आदेश दे देगा और इसलिए एपी सिंह की कोर्ट से फांसी टालने की अपील करने की कोई जरूरत नहीं थी।
बता दें कि दया याचिका गृह मंत्रालय तक पहुंच गई है।
मामला
क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामला?
16 दिसंबर, 2012 की रात अपने दोस्त के साथ फिल्म देखकर लौट रही 23 वर्षीय निर्भया के साथ छह लोगों ने दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप किया था।
इलाज के दौरान निर्भया ने दम तोड़ दिया था। इस घटना के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे।
इस मामले में कुल छह आरोपी थे। इनमें से एक नाबालिग था और एक ने जेल में आत्महत्या कर ली।
बाकी बचे चारों दोषियों को 2013 में फांसी की सजा सुनाई गई थी।