असम: घंटाघर बनाने के लिए उखाड़ी गई महात्मा गांधी की प्रतिमा, विरोध शुरू
क्या है खबर?
असम के तिनसुकिया जिले में घंटाघर बनाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा उखाड़ने का मामला सामने सामने आया है, जिसको लेकर इलाके में विरोध हो रहा है।
घटना डूमडूमा कस्बे की बताई जा रही है, जहां के गांधी चौक पर काफी समय से लगी 5.5 फीट ऊंची प्रतिमा को क्रेन की मदद से हटाया गया है।
प्रतिमा को नगर निगम प्रशासन की ओर से हटाया गया है। मूर्ति हटाने के बाद स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं।
हंगामा
कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने
डूमडूमा से 2 बार के पूर्व कांग्रेस विधायक दुर्गा भूमिज भी विरोध में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि प्रशासन घंटाघर कहीं और बना सकता है, लेकिन गांधी की मूर्ति को उसके मूल स्थान पर ही रहना चाहिए। यह उनका अपमान है। लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
स्थानीय विरोध देखते हुए भाजपा विधायक रूपेश गोवाला ने लोगों को आश्वस्त किया कि घंटाघर के अलावा मूल स्थान पर 6 महीने में महात्मा गांधी की 6.5 फीट ऊंची नई प्रतिमा लगेगी।
नाराजगी
महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी के पोस्ट पर मुख्यमंत्री का जवाब
महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी ने घटना को लेकर एक्स पर लिखा, 'आश्चर्य की बात नहीं कि असम की भाजपा सरकार ने डिब्रूगढ़ में बापू की प्रतिमा हटाकर घंटाघर बनाने का फैसला किया। उनकी गुलामी की औपनिवेशिक खुमारी कायम है।'
इसपर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'मुझे जिला प्रशासन के निर्णय की जानकारी नहीं। असम बापू का आभारी है। जब कांग्रेस असम को पाकिस्तान में शामिल करना चाहती थी, तब वे भारत रत्न गोपीनाथ बोरदोलोई के साथ थे।'