पाकिस्तान और चीन मिलकर बना रहे लड़ाकू विमान, मुकाबला करेंगे- भारतीय वायुसेना प्रमुख
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी का कहना है कि पाकिस्तान और चीन तकनीक का आदान-प्रदान कर रहे हैं और पाकिस्तान JF-17 लड़ाकू विमान बना रहा है। चौधरी ने वायुसेना दिवस से एक सप्ताह पहले दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान अपने बेड़े में J-10 विमान भी शामिल कर रहा है। उन्होंने कहा, "जहां भी हम तकनीक का मुकाबला तकनीक से कर सकते हैं, हम करेंगे। जहां नहीं कर सकते, वहां बेहतर रणनीति बनाएंगे।"
LAC पर चीन बढ़ा रहा तकनीकी ताकत- चौधरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चौधरी ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन रडार और एंटी-एयर डिफेंस सिस्टम लगाया है, जोकि काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति है। उन्होंने कहा कि भारत चीन के साथ सीमा पर वहीं है, जहां कुछ साल पहले था और बढ़ती हुई भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए वायुसेना की ऑपरेशनल जरूरतें बढ़ी हैं। चौधरी ने कहा कि तकनीक में बदलाव की जरूरत है और बदलाव किया भी जा रहा है।
कैसे ताकत बढ़ा रही भारतीय वायुसेना?
चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारतीय वायुसेना अगले 7 से 8 साल में 3 लाख करोड़ रुपये के सैन्य मंच, उपकरण और हार्डवेयर शामिल करने पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि वायुसेना में अब मिग-21 लड़ाकू विमान शामिल नहीं रहेंगे। इनकी जगह 97 हल्के लड़ाकू विमान तेजस मार्क 1A खरीदने की योजना है। उन्होंने बताया कि रूस से S-400 मिसाइल प्रणाली की 3 यूनिट प्राप्त हो चुकी हैं और शेष 2 अगले साल तक मिलेंगी।