#Oscars2019: भारतीय फिल्म 'पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' को मिला ऑस्कर, जानिए कैसी है फिल्म
क्या है खबर?
सिनेेमा जगत के लिए ऑस्कर एक प्रमुख अवॉर्ड है। 91वें ऑस्कर अवॉर्ड्स का आयोजन रविवार को अमेरिका के कैलिफोर्निया के डॉल्बी थिएटर में हुआ।
इस समारोह की खास बात यह रही कि भारतीय फिल्म 'पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट फिल्म का पुरस्कार मिला है।
वहीं, 30 साल में पहली बार अवॉर्ड समारोह बिना होस्ट के संपन्न किए गए।
ऑस्कर मिलने पर फिल्म की प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा ने ट्वीट कर खुशी जताई है।
सोशल मीडिया
गुनीत मोंगा ने ट्वीट कर जताई खुशी
अवॉर्ड जीतने के बाद फिल्म की प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा ने ट्वीट कर लिखा है कि 'हम जीत गए। इस धरती पर मौजूद हर लड़की यह जान ले कि वह देवी है... हमने @Sikhya को पहचान दिलाई है।'
वहीं, फिल्म की निर्देशक रायका जेहताब्ची ने पुरस्कार स्वीकारते समय कहा कि 'मैं इसलिए नहीं रो रही हूं कि मेरी माहवारी चल रही है या कुछ और, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि इस पर बनी कोई फिल्म ऑस्कर जीत सकती है।'
ट्विटर पोस्ट
गुनीत मोंगा का ट्वीट
WE WON!!! To every girl on this earth... know that you are a goddess... if heavens are listening... look MA we put @sikhya on the map ❤️
— Guneet Monga (@guneetm) February 25, 2019
जानकारी
इन फिल्मों को मोंगा कर चुकी हैं प्रोड्यूस
बता दें कि गुनीत मोंगा 'लंच बॉक्स' और 'मसान' जैसी क्रिटिकल अक्लेम फिल्म को भी प्रोड्यूस कर चुकी हैं। उनकी सह-निर्माण 'सिख्या एंटरटेनमेंट कंपनी', 'पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' की कार्यकारी निर्माता है।
जानकारी
हापुड़ के गांव पर बनाई गई है फिल्म
यह फिल्म भारतीय पृष्ठभमि पर आधारित है, जिसमें पीरियड्स के मुद्दे को उठाया गया है। फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के हापुड़ में स्थित एक गांव की उन महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें पैड्स उपलब्ध नहीं हैं।
जागरुकता
26 मिनट की है फिल्म
26 मिनट की फिल्म में वह पहलू भी दिखाया गया, जिसमें पैड न होने के कारण लड़कियां स्कूल तक नहीं जा पाती हैं।
इस स्थिति से गुजरते हुए एक दिन उनके यहां पैड मशीन लगाई जाती है, जिसके बाद महिलाओं को पैड के बारे में पता चलता है।
महिलाएं इस बारे में जागरुकता फैलाने के साथ ही खुद भी पैड बनाने का फैसला करती हैं। गांव के लोग इस पर आपत्ति उठाते हैं और अड़चनें पैदा करते हैं।
अवॉर्ड
2009 में ए आर रहमान को मिला था ऑस्कर
भारतीय फिल्म 'पीरियड. एंड ऑफ सेंटेंस' के अलावा बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट की कैटेगरी में 'ब्लैक शीप', 'एंड गेम', 'लाइफ बोट' और 'ए नाइट एट द गार्डेन' नॉमिनेट थीं।
बता दें कि भारत के लिए ऑस्कर का यह क्षण एक दशक के बाद आया है।
इसके पहले साल 2009 में ए आर रहमान और साउंड इंजीनियर रसूल पोकुट्टी को 'स्लमडॉग मिलेनियर' के लिए ऑस्कर से सम्मानित किया गया था।
फिल्म
समाज में फैल रही है जागरुकता
साल 2018 में आई अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'पैडमैन' भी माहवारी और महिलाओं के स्वास्थ्य पर फोकस करने वाली थी। फिल्म अरुणाचलम मुरुगननाथम की जिंदगी से प्रेरित थी। फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आई थी।
ऐसे में जहां फिल्में लोगों पर खासा प्रभाव डालती हैं तो इन विषयों पर बन रही फिल्में समाज में जागरुकता फैलाने का काम कर रही हैं।
लोगों में बदलाव भी देखने को मिल रहा है। खासकर महिलाएं इन विषयों पर अब खुलकर बात करती हैं।