'कड़क सिंह' रिव्यू: पंकज त्रिपाठी की शानदार अदाकारी ने जमाया रंग, अंत तक बांधे रखेगा सस्पेंस
क्या है खबर?
पंकज त्रिपाठी को पर्दे पर देखने के लिए प्रशंसक काफी उत्सुक रहते हैं तो अब वह अपनी फिल्म 'कड़क सिंह' के साथ हाजिर हो गए हैं। यह एक थ्रिलर फिल्म है, जिसमें अभिनेता का अलग अवतार देखने को मिला है।
8 दिसंबर को ZEE5 पर दस्तक देने वाली इस फिल्म के निर्देशन की कमान 'पिंक' और 'लॉस्ट' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके अनिरुद्ध रॉय चौधरी ने संभाली है।
आइए अब जानते हैं कि पंकज की यह फिल्म कैसी है।
कहानी
4 कहानियों का निचोड़ है 'कड़क सिंह
फिल्म की शुरुआत वित्तीय अपराध विभाग के अधिकारी एके श्रीवास्तव (पंकज) से होती है, जो खुद को एक अस्पताल में पाता है, जहां उसे भूलने की बीमारी के बारे में पता चलता है।
अब उसके साथ क्या हुआ और वह अस्पताल में कैसे पहुंचा, उसे कुछ याद नहीं है। ऐसे में उसके आसपास 4 अलग-अलग कहानियां शुरू होती है।
इसमें उसकी बेटी साक्षी (संजना संघी), प्रेमिका नैना (जया अहसन), सहकर्मी अर्जुन (परेश पाहुजा) और बॉस त्यागी (दिलीप शंकर) शामिल है।
कहानी
सच्चाई पता लगाने की कोशिश
इसके बाद श्रीवास्तव उर्फ कड़क सिंह अस्पताल की नर्स (पावर्थी थिरोवोथु) के साथ मिलकर यह पता लगाने में जुट जाता है कि सच्चाई क्या है और वह किस पर विश्वास कर सकता है।
साथ ही उसे चिटफंड घोटाले के बारे में पता चलता है और वो अतीत के बिखरे हुए पन्नों को समेटकर उसे सुलझाने की कोशिश करता है।
अब कड़क सिंह इस पहेली को सुलझा पाएगा या इसमें ही उलझा रहेगा, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अभिनय
कैसा रहा सितारों का अभिनय?
पंकज ने इस फिल्म के साथ एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह किसी भी किरदार में आसानी से ढल जाते हैं और उसे अपना बना लेते हैं। शुरू से लेकर अंत तक पंकज अपने किरदार के साथ न्याय करते हैं।
संजना भी बेटी की भूमिका में अच्छी लगती हैं और अपने हाव-भाव को बखूबी पर्दे पर दर्शाती हैं।
पंकज की प्रेमिका के रूप में जया, नर्स बनी पावर्थी और सभी सहायक किरदारों का प्रदर्शन भी बढ़िया हैं।
निर्देशन
ऐसा रहा निर्देशन
निर्देशक अनिरुद्ध, विराफ सरकारी और रितेश शाह द्वारा लिखित इसकी कहानी पूरी फिल्म में आगे-पीछे चलती है। जब भी कोई नया पात्र श्रीवास्तव से मिलता है तो उसके साथ की कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है, जिसे बड़ी ही कुशलता से निर्देशक दिखाने में सफल रहे।
2 घंटे 8 मिनट की यह फिल्म अपना सस्पेंस बनाए रखने में कामयाब रहती हैं और अंत तक आपको बांधे रखती है। अस्पताल में दिखाया गया हंसी-मजाक फिल्म को थोड़ा हल्का महसूस कराता है।
कमी
यहां खलेगी कमी
फिल्म में सभी कलाकारों का प्रदर्शन शानदार है, लेकिन दूसरे भाग में सारा फोकस घोटाले पर केंद्रित हो जाता है और वे कहीं खो से जाते हैं। बेटी की कहानी को कमोबेश भुला दिया जाता है तो बेटे का किरदार सही से गढ़ा ही नहीं गया।
फिल्म की शुरुआत जितनी अच्छी हुई थी, उतनी ही यह बीच में धीमी होने लगती है। हालांकि, आखिर के 30 मिनट में पूरी फिल्म का निचोड़ है, जो फिर से इसमें जान डालते हैं।
जानकारी
संगीत ने नहीं किया कमाल, सिनेमैटोग्राफी शानदार
फिल्म को संगीत शांतनु मोइत्रा ने दिया, जो ज्यादा कमाल नहीं कर पाया। बैकग्राउंड स्कोर, गाना 'तू जो है' और 'ऐ मेरे दिल' ठीक-ठाक लगते हैं। अविक मुखोपाध्याय की सिनेमैटोग्राफी काफी शानदार है। उन्होंने कोलकाता के स्थानों को सुंदर ढंग से पर्दे पर दर्शाया है।
निष्कर्ष
देखें या ना देखें?
क्यों देखें- अगर आप पंकज के प्रशंसक हैं और उन्हें अलग-अलग अवतार में देखना पसंद करते हैं तो इस फिल्म को एक मौका जरूर दें। साथ ही अगर सस्पेंस से भरपूर फिल्में पसंद हैं तो यह आपको अच्छी लगेगी।
क्यों न देखें- अगर आप सस्पेंस फिल्मों के थोड़े भी शौकीन नहीं है तो यह आपके लिए नहीं है। फिल्म की गति भी बीच में थोड़ी धीमी हो जाती है, जो आपको यह उबाऊ लग सकती है।
न्यूजबाइट्स स्टार- 3/5
जानकारी
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हुई थी स्क्रीनिंग
'कड़क सिंह' की स्क्रीनिंग भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) 2023 में भी हुई थी, जिसमें सभी सितारों ने हिस्सा लिया। यहां फिल्म की काफी प्रशंसा हुई थी। IFFI के 54वें संस्करण का आयोजन गोवा में 20 से 28 नवंबर तक हुआ था।