'AK vs AK' रिव्यू: अच्छा एक्सपेरिमेंट है अनिल कपूर और अनुराग कश्यप की फिल्म
बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर और मशहूर फिल्मकार अनुराग कश्यप के अभिनय से सजी फिल्म 'AK vs AK' आखिरकार नेटफ्लिक्स पर दस्तक दे चुकी है। यह किसी मसाला फिल्म और डॉक्यूमेंट्री का मेलजोल है और बॉलीवुड की अब तक की सभी फिल्मों से बिल्कुल अलग है। फिल्म में दिखाएगा गया है कि हालात कितने बुरे हो सकते हैं जब इंडस्ट्री का एक बड़ा कलाकार और डायरेक्टर आपस में टकराते हैं। आइए जानते हैं कैसी है फिल्म।
अनिल कपूर और अनुराग कश्यप के विवाद से शुरु होती है फिल्म
फिल्म के शुरुआती सीन में अनिल कपूर, अनुराग कश्यप से मिलकर एक फिल्म बनाने की बात करते हैं, लेकिन अनुराग अभिनेता को कहते हैं कि अब उनमें हीरो वाली बात नहीं रही। इसके बाद दोनों एक पब्लिक इंटरैक्शन में पहुंचते हैं। यहां अनिल कहते हैं किसी भी फिल्म की सफलता के लिए अच्छी स्क्रिप्ट के साथ अच्छे कलाकार की भी जरूरत होती है। जबकि अनुराग उनकी बात से असहमत हैं। यहीं पर दोनों के बीच काफी विवाद हो जाता है।
अनिल से नाराज अनुराग करते हैं सोनम कपूर की किडनैपिंग
अनुराग की हरकत के कारण फिल्म इंडस्ट्री उनका बॉयकॉट कर देती है। अब अनुराग, अनिल से इतने नाराज हो जाते हैं कि अनिल के बेटी सोनम कपूर को किडनैप कर लेते हैं। वह अनिल को सोनम को ढूंढने का वक्त देते हैं। अनुराग शर्त रखते हैं कि इस दौरान उनका कैमरा हमेशा अनिल की रिकॉर्डिंग करेगा। इस दौरान कहानी में कई ट्विस्ट आते हैं और पूरा ही प्लान कोई बदल देता है।
अनिल कपूर के अभिनय ने फिर जीता दिल
फिल्म के सभी किरदार बिल्कुल रियल हैं। कहानी अनुराग और अनिल के इर्द-गिर्द ही घूमती है। अनिल ने इसमें अपनी बेस्ट परफोर्मेंस दी है। जबकि अनुराग से और बेहतर अभिनय करवाया जा सकता था। वहीं, इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि यह एक सिचुएशन है, जिस पर दोनों प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इनके अलावा फिल्म में बोनी कपूर, सोनम और हर्षवर्धन कपूर ने कैमियो किया है। सभी किरदार फिल्म की स्क्रिप्ट की मांग के अनुसार बिल्कुल फिट बैठते हैं।
विक्रमादित्य मोटवानी ने उठाया दिलचस्प विषय
फिल्म के निर्देशन की बात करें तो इसे विक्रमादित्य मोटवानी का कमाल कह सकते हैं। उन्होंने अपनी फिल्म में माया नगरी की चका-चौंध से दूर पर्दे की पीछे की एक अलग और डरावनी दुनिया का पासा बहुत होशियारी से फेंका है। उन्होंने सभी किरदारों को उनके असल रूप में पेश किया है, जो दर्शकों को थोड़ा उलझा सकता है। इसे देखकर आप सोचने लगते हैं कि वाकई यह फिल्म चल रही है या सब कुछ सच में हो रहा है।
देखें या ना देखें?
अलग कहानी होने के बावजूद इसकी स्क्रिप्ट में कुछ कमियां हैं। रियलिटी के ताने बाने पर बुनी इस फिल्म में कई सीन ऐसे हैं जिन्हें आप स्वीकार नहीं कर पाते। हालांकि, फिल्म का क्लाइमैक्स नए ट्विस्ट लेकर आता है। इस वीकेंड आप यह फिल्म देख सकते हैं, लेकिन इसे परिवार के साथ न ही देखें, क्योंकि इसमें जबरदस्त गालियों की भरमार है। इस फिल्म को हमने पांच में से तीन स्टार दिए हैं।