पाकिस्तान सरकार खरीदेगी दिलीप कुमार और राज कपूर के पैतृक घर, इतनी लगाई कीमत
पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने पाकिस्तान में स्थित बॉलीवुड की दिग्गज हस्तियों दिलीप कुमार और राज कपूर के पैतृक घरों की कीमत तय कर दी है। पाक सरकार ने राज कपूर के पैतृक घर की कीमत एक करोड़ 50 हजार रुपये तय की है। जबकि दिलीप कुमार के पैतृक घर की कीमत 80 लाख 56 हजार रुपये रखी गई है। सितंबर में प्रधानमंत्री इमरान खान के गृह राज्य की सरकार ने इन घरों को खरीदने का फैसला किया था।
पाक सरकार ने किया ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने का फैसला
पाक सरकार ने जर्जर हालत में स्थित इन पुश्तैनी घरों को ऐतिहासिक इमारतों के लिए संरक्षित करने का निर्णय लिया है। बता दें पेशावर के प्रमुख इलाकों में स्थित इन दोनों ही इमारतों को पाकिस्तान सरकार पहले ही राष्ट्रीय विरासत घोषित कर चुकी है। खबरों के मुताबिक पेशावर के उपायुक्त मुहम्मद अली असगर ने कम्युनिकेशन एंड वर्क्स डिपार्टमेंट की एक रिपोर्ट के बाद दिलीप कुमार के चार मारला और राज कपूर के छह मारला घरों की यह कीमत लगाई है।
इन्हीं घरों में पैदा हुए थे दिलीप कुमार और राज कपूर
मारला क्षेत्र की पैमाइश के लिए भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में परंपरागत मानक का इस्तेमाल होता है। एक मारला 272.25 वर्ग फीट के बराबर माना जाता है। पुरातत्व विभाग ने प्रांतीय सरकार से इन दोनों ऐतिहासित इमारतों को खरीदने के लिए दो करोड़ रुपये से ज्यादा धन राशि जुटाने का अनुरोध किया है। इन्हीं घरों में भारतीय सिनेमा की दो मशहुर हस्तियों का जन्म हुआ और उन्होंने बटवारे से पहले के अपने शुरुआती दिन यहां बिताए।
इमारतों को प्लाजा बनवाने चाहते थे मालिक
गौरतलब है कि दिलीप कुमार का यह पैतृक घर 100 सालों से भी ज्यादा पुराना है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 2014 में इसे राष्ट्रीय घरोहर घोषित कर दिया था। उस समय उन्होंने कहा था कि इन दोनों ही ऐतिहासिक इमारतों के मालिक इसे तुड़वाकर कमर्शियल प्लाजा बनवाने की कोशिश कर चुके हैं। लेकिन हर बार उनकी कोशिश को नाकामयाब कर दिया गया। दूसरी ओर पुरातत्व विभाग इनके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इन्हें संरक्षित रखना चाहता है।
राज कपूर की हवेली के मालिक ने की थी 200 करोड़ रुपये की मांग
राज कपूर की हवेली के मालिक अली कादर नहीं चाहते कि यह घर ध्वस्त हो। अली कहते हैं वह इसे संरक्षित करने के लिए पुरातत्व विभाग से संपर्क कर चुके हैं। उन्होंने इसे सरकार को बेचने के लिए 200 करोड़ रुपये की मांग की थी।