क्यों बदला जा रहा है UGC NET का पाठ्यक्रम? जानें छात्रों पर क्या असर पड़ेगा
क्या है खबर?
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने मंगलवार को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) के पाठ्यक्रम को संशोधित करने की बात कही।
उन्होंने कहा कि सभी विषयों के लिए NET का पाठ्यक्रम अपडेट किया जाएगा।
इसके लिए UGC एक विशेषज्ञ समिति गठित करेगा, जो सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद पाठ्यक्रम में बदलाव पेश करेगी।
आइए जानते हैं कि आखिर UGC NET का पाठ्यक्रम क्यों बदला जा रहा है और इससे छात्रों पर क्या असर पड़ेगा।
कारण
क्यों बदला जा रहा है पाठ्यक्रम?
UGC ने आखिरी बार 2017 में पाठ्यक्रम में बदलाव किया था। इसके बाद 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी। वर्तमान पाठ्यक्रम इस नीति के अनुसार नहीं है।
UGC अध्यक्ष ने कहा कि नई नीति शुरू करने के बाद बहु-विषयक पाठ्यक्रम और समग्र शिक्षा प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा में काफी विकास हुआ है।
ऐसे में आयोग ने UGC NET के पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अहम बदलाव किए जाने का फैसला किया है।
लागू
कब से लागू होगा बदलाव?
पाठ्यक्रम कब से लागू होगा, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
हालांकि, UGC अध्यक्ष ने कहा है कि बदलाव अचानक से लागू नहीं किया जाएगा। उम्मीदवारों को उचित समय मिलेगा ताकि वे नए बदलाव के अनुसार परीक्षा तैयारी कर सके।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, UGC ने सभी 83 विषयों के लिए पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। फिलहाल अलग-अलग मांगों पर विचार किया जा रहा है।
ऐसे में नया पाठ्यक्रम अगले साल जून सत्र से लागू होने की संभावना है।
प्रभाव
छात्रों पर क्या असर होगा?
UGC NET का पाठ्यक्रम बदलने से लाखों छात्र प्रभावित होंगे। नए पाठ्यक्रम से छात्र विषय की समग्र शिक्षा हासिल करने के साथ ही 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार होंगे।
नए पाठ्यक्रम में बुनियादी ज्ञान के साथ कौशल विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर खुलेंगे।
हालांकि, जो छात्र लंबे समय से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए नए पाठ्यक्रम के हिसाब से पढ़ाई करना मुश्किल होगा।
परीक्षा
6 दिसंबर से शुरू होगी परीक्षा
विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए UGC NET का आयोजन साल में 2 बार होता है।
इस बार दिसंबर सत्र की परीक्षाएं 6 दिसंबर से 22 दिसंबर तक होगी। परीक्षा कंप्यूटर आधारित होती है, जिसमें 2 पेपर होते हैं।
पेपर 1 में सामान्य अध्ययन, कंप्यूटर, शैक्षिक और शोध अनुसंधान, रीजनिंग से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। पेपर 2 में स्नातकोत्तर विषय से संबंधित सवाल आते हैं।