CBSE: अब 10वीं और 12वीं के छात्र इन आधारों पर नहीं बदल सकेंगे विषय
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी खबर है। CBSE बोर्ड ने अपने संबद्ध स्कूलों को विषय न बदलने के लिए कुछ निर्देश जारी कर दिए हैं। दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले किसी भी छात्र के विषय बदलने की अपील उस विषय को स्वंय पढ़ने के आधार पर स्वीकार नहीं की जाए। आइए जानें क्या है पूरी खबर।
स्कूलों के लिए शुरू हुई मानक संचालन प्रक्रियाएं
बोर्ड के अनुसार 10वीं और 12वीं दो वर्षीय विषय है। इसलिए स्कूलों द्वारा 9वीं और 11वीं में ही छात्रों को सही विषय चुनने की सहाल दी जानी चाहिए। जिस विषय को वे अपनी अगली क्लास में भी पढ़ सकें और वो विषय स्कूल में भी उपलब्ध हो। आपकी जानकारी के लिए बता दें CBSE ने स्कूलों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOP) तैयार की है, जिससे कि वे 10वीं और 12वीं में विषय बदलने के आवेदनों से निपट सकें।
अंटेंडेंस को लेकर भी जारी किए निर्देश
बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 10वीं और 12वीं में आने पर छात्र विभिन्न आधार पर विषय बदलना चाहते हैं। बोर्ड ने कहा कि सिर्फ 15 जुलाई, 2019 तक ही विषय बदलने की अपील स्वीकार की जाएगी। इसके बाद किसी भी तरह की कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही बोर्ड ने छात्रों की अंटेंडेंस को लेकर भी कई निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों को छात्रों की अंटेंडेंस की जानकारी बोर्ड को देनी होगी।
07 जनवरी तक स्कूलों को देना होगा ब्यौरा
स्कूलों को हर सत्र में सभी छात्रों के शॉर्ट अटेंडेस के मामलों की पहचान करके 07 जनवरी, 2019 तक पूरा ब्यौरा CBSE के क्षेत्रीय ऑफिस में भेजना होगा। इसके साथ ही सभी जरूरी दस्तावेज भी संलग्न करके भेजने होंगे। इसके बाद क्षेत्रीय ऑफिस दस्तावेजों में कमी होने पर स्कूलों को बताएगा और स्कूलों को तय समय के भीतर दस्तावेज सही करके भेदने होंगे। इसके अलावा बीमारी, माता-पिता का निधन आदि समस्या में SPO में छूट दी जाएगी।