इस वजह से मारुति सुजुकी नहीं बनाएगी जिप्सी, 33 साल बाद बंद किया प्रोडक्शन
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने 33 साल बाद अपनी मशहूर कार जिप्सी का प्रोडक्शन बंद कर दिया है। अपने डीलर्स को भेजे आधिकारिक ईमेल में कंपनी ने नई बुकिंग नहीं लेने को कहा है। कंपनी अब जिप्सी का प्रोडक्शन बंद कर रही है और डीलरशिप पर कोई नई जिप्सी नहीं भेजी जाएगी। हालांकि, जिन डीलर्स के स्टॉक में जिप्सी मौजूद हैं, वे उन्हें बेच सकते हैं। मारुति ने जिप्सी को 1985 में लॉन्च किया था।
ऑर्डर के आधार पर जिप्सी का निर्माण कर रही थी कंपनी
पिछले काफी समय से मारुति सिर्फ बुकिंग के आधार पर ही जिप्सी का प्रोडक्शन कर रही थी। जिप्सी खरीदने वाले ग्राहक को पहले इसके लिए ऑर्डर देना होता था, इसके बाद कंपनी जिस्पी का प्रोडक्शन कर रही थी। मारुति ने जिप्सी को 1985 में मारुति 800 और ओमनी के बाद अपने तीसरे मॉडल के तौर पर उतारा था। लॉन्चिंग के बाद से जिस्पी भारत में सुरक्षाबलों की सबसे पसंदीदा गाड़ियों में से एक रही है।
यह रही प्रोडक्शन बंद होने की वजह
भारत में जल्द ही नए क्रैश-टेस्ट नियम लागू होने वाले हैं। अपने मौजूदा रूप में जिप्सी उन नियमों पर खरा उतर पाने में असक्षम थी। साथ ही बाजार में इसकी कम होती मांग के कारण कंपनी ने इसे बंद करने का फैसला किया है।
टाटा सफारी ने ली जिप्सी की जगह
भारतीय बाजार में 4X4 व्हीकल सेगमेंट में जिप्सी सबसे किफायती मॉडल थी। अपने हल्के वजन और ऑफ-रोड कैपेबिलिटी के कारण जिप्सी कई रैली टीम का भी हिस्सा थी। इसके अलावा पुलिस और सशस्त्र बल जिप्सी के सबसे बड़े ग्राहक थे, लेकिन अब जिप्सी की जगह टाटा सफारी ने ले ली है। टाटा खास तौर से सैन्य बलों के लिए बनाई गई सफारी सप्लाई कर रही है। भारतीय बाजार में इसका मुकाबला महिंद्रा थार और फोर्स गुरखा जैसी गाड़ियों से था।
भारत में लॉन्च नहीं हुआ जिप्सी का नया मॉडल
माना जा रहा है कि कंपनी भारत में इसका नया मॉडल पेश नहीं करेगी। सुजुकी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले साल इसका नया मॉडल जिम्नी पेश किया था, लेकिन भारत में 4X4 मॉडल की कम मांग को देखते हुए इसे यहां लॉन्च नहीं किया गया।