
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को इस साल कैसे ITR फाइल करनी होगी?
क्या है खबर?
आयकर विभाग ने इस साल पहली बार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को एक अलग प्रोफेशनल श्रेणी में शामिल किया है। इसके लिए नया प्रोफेशन कोड 16021 जारी किया गया है, जो उन लोगों पर लागू होगा जो ऑनलाइन प्रोडक्ट्स और सेवाओं का प्रचार करके कमाई करते हैं। यह कोड वित्तीय वर्ष 2024-25 से ITR यूटिलिटीज में दिखेगा। इन्फ्लुएंसर्स को ITR-3 या ITR-4 फॉर्म भरते समय इस कोड का उपयोग करना होगा।
फॉर्म
ITR-3 और ITR-4 के बीच क्या है अंतर?
इन्फ्लुएंसर्स, ब्लॉगर्स और डिजिटल गिग वर्कर्स अपनी कमाई 2 तरीकों से दिखा सकते हैं, जिसमें वास्तविक आय-व्यय या अनुमानित कराधान शामिल है। अनुमानित कराधान के लिए विस्तृत लेखा की जरूरत नहीं होती। अगर प्रोफेशन माना गया तो धारा 44ADA के तहत 50 प्रतिशत आय टैक्स के लिए मानी जाएगी और अगर व्यवसाय माना गया तो 44AD के तहत 6-8 प्रतिशत। अनुमानित कराधान चुनने वालों को ITR-4 फॉर्म दाखिल करना होगा।
तरीका
ITR फाइल करने की प्रक्रिया क्या है?
इन्फ्लुएंसर्स को पहले पूरे साल की आय और खर्चों की गणना करनी होगी। अब आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन कर सही फॉर्म (ITR-3 या ITR-4) चुनना होगा। इसके बाद नया प्रोफेशन कोड 16021 दर्ज करना होगा और सभी जरूरी जानकारी भरकर फॉर्म सबमिट करना होगा। इस बदलाव से इन्फ्लुएंसर इकोनॉमी को औपचारिक मान्यता मिली है, लेकिन अभी भी पेशा या व्यवसाय के वर्गीकरण को लेकर थोड़ी अस्पष्टता बनी हुई है।