आइकॉनिक कार: मारुति जिप्सी रही है मुश्किल रास्तों की भरोसेमंद साथी
मारुति सुजुकी की आइकॉनिक कार मारुति जिप्सी 33 सालों तक आम लोगों के साथ सेना की भरोसेमंद साथी रही है। यह अपने समय में एक ऐसी गाड़ी थी, जिसमे स्टाइल, पावर, रफनेस और स्टेट्स सबकुछ मौजदू था। इस दमदार ऑफ-रोड SUV को 1985 में लॉन्च किया गया था। हर तरह के रास्तों पर पहुंच, वजन में हल्की होने के बावजूद ज्यादा सामान ढोने की क्षमता और एयरलिफ्ट में आसान होने से जिप्सी सेना के लिए बेहद उपयोगी साबित हुई।
सेना में संचालित हैं 35,000 से ज्यादा जिप्सी
जिप्सी की सेना में एंट्री 1991 में हुई और तब से यह उसका प्रमुख वाहन बन गई। सेना में इसकी लगभग 35,000 यूनिट मौजूद हैं। इसमें 1.0-लीटर 4-सिलेंडर पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 80bhp का पावर और 103Nm टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। इसे साॅफ्ट और हार्ड टॉप वेरिएंट में उतारा गया था। इसकी शुरुआती कीमत 6.22 लाख रुपये (एक्स शोरूम) रखी गई थी। नए उत्सर्जन नियम आने के बाद 2019 में इसका प्रोडक्शन बंद हो गया।