एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन को UK में इस्तेमाल की मंजूरी, भारत के लिए उम्मीदें जगी
क्या है खबर?
फाइजर के बाद अब एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को भी यूनाइटेड किंगडम (UK) में इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है।
यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार ने मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्टर्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) की एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश स्वीकार कर ली है।
उम्मीद है कि अब भारत में भी इस वैक्सीन को जल्द ही हरी झंडी मिल सकेगी।
जानकारी
UK ने दिया 10 करोड़ खुराकों का ऑर्डर
UK ने एस्ट्राजेनेका को इस वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक बनाने का आदेश दिया है, जो पांच करोड़ लोगों को संक्रमण से सुरक्षा देने के लिए पर्याप्त होंगी। एक व्यक्ति को दो खुराक दी जाएगी।
उम्मीद
राहत की उम्मीद लेकर आई वैक्सीन
UK में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन को ऐसे समय मंजूरी मिली है, जब देश कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की मार झेल रहा है।
सितंबर से यहां कोरोना का नया स्ट्रेन कहर ढा रहा है। इसकी वजह से लंदन समेत कई इलाकों में संक्रमितों की संख्या में तेज इजाफा देखा जा रहा है।
ऐसे में एक और वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिलना वायरस के खिलाफ UK की लड़ाई को मजबूत बनाने में अहम साबित होगी।
नतीजे
क्या रहे थे ट्रायल के नतीजे?
एस्ट्राजेनेका ने बीते महीने अपनी वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल के नतीजों का ऐलान किया था।
ट्रायल में शामिल 131 लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद जारी किए गए इन नतीजों में वैक्सीन को औसतन 70.4 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था।
कंपनी के अनुसार, वैक्सीन को पहले आधी खुराक और फिर पूरी खुराक वाले 2,800 लोगों के समूह में 90 प्रतिशत और दोनों पूरी खुराक वाले 8,900 लोगों के समूह में 62 प्रतिशत प्रभावी पाया गया।
उम्मीद
भारत में भी इसी सप्ताह मिल सकती है अनुमति
एस्ट्राजेनेका के साथ हुए समझौते के तहत पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) भारत में इस वैक्सीन के इंसानी ट्रायल कर रही है।
SII इस वैक्सीन का उत्पादन भी करेगी। भारत में इस वैक्सीन को 'कोविशील्ड' नाम से जाना जा रहा है।
कंपनी ने भारत में वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन किया हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि UK के बाद इसी सप्ताह भारत में भी इसके इस्तेमाल की हरी झंडी मिल सकती है।
कोविशील्ड
शुरुआती दौर में भारत को मिल सकती है 5-6 करोड़ खुराकें
कोविशील्ड ने अलग-अलग खुराक के हिसाब से अलग-अलग नतीजे दिए हैं। दो खुराक वाले पैटर्न में यह वैक्सीन एक खुराक से कम प्रभावी साबित हुई है।
फिर भी भारत में इसके दो खुराक वाले पैटर्न को हरी झंडी मिल सकती है।
सूत्रों ने बताया कि मंजूरी मिलते ही SII वैक्सीन के वितरण के लिए तैयार है।
उम्मीद जताई जा रही है कि शुरुआती दौर में भारत को 5-6 करोड़ खुराक मिल सकती हैं।
फायदा
कोविशील्ड का स्टोरेज आसान
कोविशील्ड का स्टोरेज फाइजर की वैक्सीन की तुलना में बेहद आसान है।
फाइजर की वैक्सीन को -70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करने की जरूरत होती है। इस स्तर की कोल्ड चैन भारत में फिलहाल मौजूद नहीं है। इसके चलते इसे दूरदराज के गांवों में पहुंचाना मुश्किल भरा काम है।
इसकी तुलना में कोविशील्ड को 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जा सकता है। ऐसे में इसकी स्टोरेज आसान होगी, जो चुनौतियां कम करने का काम करेगी।