प्रधानमंत्री मोदी ने दर्शक दीर्घा के पास जाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। प्रधानमंत्री अपनी गाड़ी से भी लोगों का अभिवादन करते हुए कर्तव्य पथ से रवाना हुए।
राष्ट्रगान और भारत माता की जय के नारों के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हुआ। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति मुर्मू और मिस्र के राष्ट्रपति को विदा किया। राष्ट्रपति मुर्मू का पद संभालने के बाद यह पहला गणतंत्र दिवस समारोह था।
फ्लाई पास्ट में अपाचे हेलीकॉप्टर और लाइट हेलीकॉप्टर ने प्रचंड फॉर्मेशन में हवा में करतब दिखाए। इसके बाद सारंग एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ने तिरंगा बनाया। राफेल विमानों ने नेत्र फॉर्मेशन में करतब दिखाए। छह जैगुआर विमानों ने अमृत फॉर्मेशन के जरिए दर्शकों का मनोरंजन किया। सुखोई-30 विमानों ने त्रिशूल फॉर्मेशन में 750 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर करतब दिखाए। राफेल विमानों ने 900 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर विजय फॉर्मेशन बनाया।
मौसम खराब होने के कारण दर्शक विमानों को अच्छे से नहीं देख पाए।
परेड में भारतीय सैन्य बलों के जवानों ने मोटरसाइकिल पर हैरतअंगेज करतब दिखाए, जिन्हें देखकर लोग दांतों में उंगली दबाने को मजबूर हो गए।
रक्षा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय द्वारा देशभर से चुने गए प्रतियोगियों ने संयुक्त रूप से 'वंदे भारतम' नृत्य प्रस्तुत किया, जिसमें नारी शक्ति का प्रदर्शन किया गया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICMR) , आदिवासी मामलों के मंत्रालय, नारकोटिक्स क्रंटोल ब्यूरो, केंद्रीय सैन्य पुलिस बल (CAPF), संस्कृति मंत्रालय और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने भी झांकी निकाली।
परेड में भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन करते हुए 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने झांकी निकाली। इनमें आंध्र प्रदेश, असम, लद्दाख, उत्तराखंड, त्रिपुरा, गुजरात, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा, दादर-नगर हवेली और दमन-दीव और उत्तर प्रदेश शामिल रहे।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और दिल्ली पुलिस के जवानों ने भी परेड में कदमताल किया। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने ऊंट सवार मार्च निकाली, जिसमें पहली बार महिला जवान भी शामिल हुईं।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान पूर्व सैनिकों की भी एक झांकी निकाली गई। इसके अलावा नौसेना, वायुसेना, असम राइफल्स और थलसेना ने भी अपनी-अपनी झांकी निकालीं। झाकियों में तीनों सेनाओं के विभिन्न स्वदेशी विमानों और जहाजों का प्रदर्शन किया गया। पहली बार महिला और पुरुष अग्निवीर परेड में शामिल हुए।
DRDO ने भी अपनी अलग झांकी निकाली। इसमें VRD टैंक का प्रदर्शन किया गया।
पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इंफेटरी, राजपूत रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट और गोरखा ब्रिगेड के जवानों ने कर्तव्य पथ पर कदमताल करते हुए भारत की जवान शक्ति का प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को सलामी दी।
परेड में स्वदेशी हथियारों के जरिए आत्मनिर्भर भारत का प्रदर्शन किया गया। ICV BMP-2 टैंक और K-9 वज्र टैंक परेड में शामिल रहे। वज्र टैंक गतिमान युद्ध में बेहद उपयोगी है।
परेड में ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल और हथियार प्रणाली समेत अन्य स्वदेशी हथियारों का भी प्रदर्शन किया गया।
भारतीय सेना ने MBT अर्जुन टैंक की परेड निकाली। यह भारत में निर्मित स्वदेशी टैंक है। इसके बाद नाग मिसाइल सिस्टम की परेड निकाली गई।
मिस्र की सेना के 144 सदस्यीय दल ने कर्तव्य पथ पर परेड निकाली। यह पहली बार है जब मिस्र की सेना का कोई दल भारत के गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुआ है।
परमवीर चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित सैन्य अधिकारियों ने जीप पर परेड निकालते हुए राष्ट्रपति को सलामी दी।
परेड कमांडर लेफ्टिनेंट कमांडर धीरज सेठ की सलामी के साथ परेड शुरू हुई।
राष्ट्रगान और 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत अन्य शीर्ष नेताओं ने तिरंगे को सलामी दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी के साथ कर्तव्य पथ पहुंच गई हैं। उनका प्रधानमंत्री मोदी ने स्वागत किया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी सलामी मंच पहुंच गए हैं। उनका भी प्रधानमंत्री ने स्वागत किया।
अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री मोदी कर्तव्य पथ स्थित सलामी मंच पहुंच गए हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन से कर्तव्य पथ के लिए रवाना हो गई हैं। उनके साथ गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी भी मौजूद हैं। रवाना होने से पहले राष्ट्रपति भवन पर उन्हें सलामी दी गई।
गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। तीनों सेनाओं के प्रमुख उनके साथ मौजूद रहे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका स्वागत किया।
शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री ने डिजिटल पुस्तिका में अपने विचार लिखे।