लूनर फ्लैशलाइट कम लागत वाला क्यूबसैट चन्द्र आर्बिटर मिशन है, जिसे जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर की एक टीम द्वारा विकसित किया जा रहा है। मोटे तौर पर यह ब्रीफकेस के आकार का एक बहुत छोटा उपग्रह है।
चंद्रमा के नीचे पानी की बर्फ तो मौजूद है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह कितने काम की है। इस पर और अधिक जानकारी के लिए के लिए लूनर फ्लैशलाइट लॉन्च किया जाएगा। यह चंद्रमा पर उन जगहों की खोज करेगा, जहां पर पानी मिलने की संभावना है।
लूनर फ्लैशलाइट सैटेलाइट को ऑर्बिट तक पहुंचने में लगभग तीन महीने लगेंगे। यह मिशन इसी महीने 9 तारीख को स्पेस-X फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च होगा।
नासा के एम्स रिसर्च सेंटर के प्रमुख रोजर हंटर कहते हैं कि इस मिशन से चंद्रमा के बारे में कई बातों का पता लग सकेगा। सैटेलाइट लॉन्च के बाद मिशन नेविगेटर चंद्रमा के पीछे अंतरिक्ष यान का मार्गदर्शन करेगा।