अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, सूर्य पर इन काले धब्बों को कोरोनल होल के रूप में जाना जाता है। ये ऐसे क्षेत्र हैं, जहां से तेज सौर हवा अंतरिक्ष में निकलती है।
सूर्य का यह स्माइली चेहरा कोरोनल होल का परिणाम हो सकता है। कोरोनल होल सूर्य का वह क्षेत्र है, जो आसपास के प्लाज्मा की तुलना में ठंडा और कम घना होता है। इस तरह तापमान के अंतर से यह गहरे रंग के धब्बे बन जाते हैं, जो सूर्य की सतह पर अलग से दिखाई देते हैं।
सूर्य की सतह पर दिख रहे कोरोनल होल पृथ्वी पर भौतिक प्रभाव डाल सकते हैं। कोरोनल होल पृथ्वी की ओर सौर हवा की एक जटिल धारा छोड़ते हैं जो एक तेज सौर तूफान का कारण बन सकती है और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को बिगाड़ सकती है।
यह तूफान आम लोगों पर तो कोई प्रभाव नहीं डालेगा, लेकिन इसकी वजह से रेडियो संचार, इलेक्ट्रिक पावर ग्रिड, GPS समेत अन्य आधुनिक तकनीक बाधित हो सकती है। इसके अलावा यह तूफान अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जोखिम भी पैदा कर सकता है।