भारत के प्रसिद्ध महलों में से एक लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण साल 1890 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीया ने करवाया था। इस महल को इंडो-सारसेनिक शैली की वास्तुकला में डिजाइन किया गया है, जिसमें मेहराब और गुंबद हैं।
इस झील को चांद तालाब के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में सुरेश्वर देसाई ने करवाया था। शहर के केंद्र में स्थित इस मंत्रमुग्ध कर देने वाली झील में ओवरफ्लो होने की स्थिति में पानी का प्रबंधन करने के लिए कई भूमिगत द्वार हैं।
लक्ष्मी विलास पैलेस के अलावा महाराजा सयाजीराव ने साल 1936 में कीर्ति मंदिर का निर्माण करवाया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसे वडोदरा राजपरिवार के सदस्यों की याद में बनवाया गया था।
वडोदरा के डांडिया बाजार में स्थित श्री अरबिंदो आश्रम एक बड़ा-सा बंगला है, जिसमें एक अध्ययन कक्ष, एक पुस्तकालय और एक बिक्री एम्पोरियम के साथ लगभग 23 कमरे हैं। आपको यहां अरबिंदो द्वारा लिखी गई किताबें उनके अवशेषों के साथ मिलेगीं।
वडोदरा में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक सयाजी गार्डन को महाराजा सयाजीराव ने साल 1879 में बनवाया था। यह गार्डन अपनी फूलों वाली घड़ी और सयाजी टॉय ट्रेन के लिए लोकप्रिय है।