माहवारी के दौरान वजन बढ़ने का एक प्रमुख कारण वॉटर रिटेंशन है। यह मुख्य रूप से मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण होता है। इसके कारण वजन संतुलित नहीं रहता और विभिन्न अंगों में सूजन आने लगती है।
इस स्थिति में भी हार्मोनल असंतुलन जिम्मेदार हैं। कभी-कभी एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में उतार-चढ़ाव पेट में गैस को बढ़ाता है, जिससे सूजन आ जाती है। साथ ही यह वजन बढ़ने का भी कारण बनता है।
ज्यादातर महिलाएं माहवारी के दौरान व्यायाम करना छोड़ देती हैं क्योंकि रक्तस्राव के कारण वे अच्छा महसूस नहीं कर पाती हैं और शरीर सुस्त और आलसी हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप शरीर में वसा जमा होने लगती है और वजन बढ़ने लगता है।
खाने की बढ़ती लालसा और अधिक खाना भी महावारी से पहले और उसके दौरान वजन बढ़ने के कारण हो सकते हैं। सेरोटोनिन-एस्ट्रोजन चक्र इसका मुख्य कारण है।
माहवारी के दौरान वजन बढ़ना प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) का लक्षण भी हो सकता है। PMS शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों का एक संयोजन है। यह तब होता है जब एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर अचानक गिर जाता है।