सोरायसिस त्वचा से जुड़ा एक गंभीर रोग है। यह त्वचा कोशिकाओं के जीवन चक्र को प्रभावित करता है, जिसके कारण त्वचा को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ठंडा तापमान, रूखी त्वचा, त्वचा पर चोट लगना और लंबे समय तक कुछ दवाओं का सेवन इस रोग के कारण बन सकते हैं। इसके अतिरिक्त, शराब का अधिक सेवन, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता या सनबर्न भी इस स्थिति को उत्पन्न कर सकते हैं।
सोरायसिस से जुड़े लक्षण और उनकी स्थिति हर व्यक्ति में भिन्न होती है। आमतौर पर इससे ग्रस्त लोग अपनी त्वचा पर लाल-सफेद रंग परतदार धब्बों का अनुभव करते हैं। इसके अतिरिक्त खुजली, त्वचा का मोटा होना, जलन महसूस करना और नाखूनों में तरह-तरह के बदलाव होना आदि सोरायसिस के लक्षण हैं।
सोरायसिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें ताकि वह कुछ टेस्ट के बाद आपको इसके बारे में बता सके। इसके लिए डॉक्टर आपको पैच टेस्ट, स्किन प्रिक टेस्ट, स्किन बायोप्सी और डर्मोस्कोपी कराने की सलाह दे सकते हैं।
सोरायसिस से प्रभावित लोगों को आमतौर पर डॉक्टर्स कुछ विशेष क्रीम, लोशन और शैंपू का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। त्वचा विशेषज्ञ इस रोग का इलाज करने के लिए इसकी गंभीरता के आधार पर स्टेरॉयड या इंजेक्शन भी दे सकते हैं।
अगर आप इस रोग से खुद को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो त्वचा को साफ और मॉइस्चराइज रखें। साथ ही स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें।