झारखंड के देवघर के शिवगंगा मोहल्ले में स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर को ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ दोनों के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर में 72 फीट ऊंची पिरामिडनुमा मीनार है और इसके शीर्ष पर 3 सोने के छत्र और 1 पंचशूला भी है।
सोमनाथ मंदिर, जिसे देव पाटन के नाम से भी जाना जाता है। यह गुजरात के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह भगवान शिव को समर्पित है और इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में गिना जाता है। सावन के दौरान सोमनाथ मंदिर में लोगों का तांता लगा रहता है।
भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर लिंगराज मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह विभिन्न त्योहारों के भव्य उत्सव के लिए एक स्थल के रूप में कार्य करता है।अभी सावन का महीना चल रहा है तो इस दौरान मंदिर में कांवड़ यात्री इकट्ठा होते हैं और महानदी से पानी मंदिर में लाते हैं।
उत्तर प्रदेश में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर एक धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थल भी है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में विराजित ज्योतिर्लिंग देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसकी वजह से इस मंदिर को वाराणसी का सबसे खास मंदिर कहा जाता है।
महाराष्ट्र का त्र्यंबकेश्वर मंदिर ब्रह्मगिरि, नीलगिरि और कालागिरि की पहाड़ियों के बीच में स्थित है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर की बनावट और इसके आसपास का वातावरण भी मंत्रमुग्ध कर देने वाला है।