यह भारत और पाकिस्तान के बीच की एकमात्र सड़क सीमा है। हर शाम सूर्यास्त से पहले दोनों देशों के सैनिक बीटिंग रिट्रीट और चेंज ऑफ गार्ड समारोह में शामिल होते हैं।
राम तीर्थ आश्रम को बहुत पवित्र माना जाता है क्योंकि यहां भगवान राम के पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ था। किंवदंतियां के मुताबिक, यहां पर कभी ऋषि वाल्मिकी का आश्रम हुआ करता था।
महाराजा रणजीत सिंह खालसा साम्राज्य के पहले महाराजा थे और उन्हीं को समर्पित यह संग्रहालय शहर की सबसे खूबसूरत संरचनाओं में से एक है। आप यहां महाराज द्वारा लड़ी गई विभिन्न लड़ाइयों से संबंधित कई लेख और पेंटिंग भी देख सकते हैं।
स्वतंत्रता संग्राम की इतनी मार्मिक गाथा बयां करने वाला जलियांवाला बाग के समान शायद भारत में कोई दूसरा स्मारक नहीं है। यह सार्वजनिक उद्यान ब्रिटिश सेना द्वारा निहत्थे भारतीयों पर किए गए सबसे जघन्य सार्वजनिक नरसंहार का गवाह था।
43 एकड़ में फैला गोबिंदगढ़ किला अमृतसर का एक ऐतिहासिक आकर्षण है। कुछ समय पहले तक किला भारतीय सेना के कब्जे में था, लेकिन फरवरी, 2017 से इसे एक जीवित विरासत संग्रहालय के रूप में जनता के लिए खोल दिया गया है।