पैनिक अटैक एक ऐसी स्थिति है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति में अचानक डर लगने वाली भावना उत्पन्न हो जाती है और अत्यधिक डर होने से व्यक्ति खुद पर नियंत्रण पूरी तरह से खो देता है। वहीं एंग्जायटी अटैक धीरे-धीरे दिमाग पर हावी होने वाली स्थिति है। इसमें व्यक्ति नकारात्मक भावनाओं से घिर जाता है।
पैनिक अटैक आने के कारण नहीं होते हैं, जबकि एंग्जाइटी अटैक के ट्रिगर्स होते हैं और यह बार-बार व्यक्ति को परेशानी में डाल सकता है। आनुवांशिकी यानी अगर आपके माता-पिता को यह समस्या है तो आपको भी हो सकती है। तनाव से भी एंग्जायटी अटैक आ सकता है।
सांस लेने में तकलीफ होना, उल्टी आना, चक्कर आना, दिल की धड़कनें तेज होना, हाई ब्लड प्रेशर, हाथ-पैर का कांपना आदि पैनिक अटैक के लक्षण हैं। एंग्जायटी अटैक से ग्रस्त व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, आंखों में कमजोरी, बोलने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आरोमाथेरेपी (सुगंध से इलाज) करके पैनिक अटैक और एंग्जायटी अटैक के जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है। मेडिटेशन करना भी एक अच्छा उपाय है। मॉर्निंग वॉक, जॉगिंग, साइकिलिंग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज आदि को रूटीन का हिस्सा बनाएं।