इमली के जूस का सेवन इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग का इलाज कर सकता है। यह जूस पेट के अल्सर को दूर रखने और पेट के एसिड को बढ़ने से रोक सकता है।
इमली के जूस में 'कार्ब-ब्लॉकिंग' गुण होते हैं, जो शरीर को कार्बोहाइड्रेट को अवशोषित करने में मदद कर सकते हैं। यह खाने के बाद मधुमेह रोगियों के रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है।
इमली के जूस में कई एंटी-ऑक्सिडेंट्स मौजूद होते हैं, जो हृदय की कार्यप्रणाली को सुधारने में काफी मदद कर सकते हैं। ये एंटी-ऑक्सिडेंट्स हाई ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकते हैं। यही कारण है कि इसे हाइपरटेंशन रोगियों के लिए लाभदायक माना जाता है।
इमली के जूस में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट इम्यूनिटी को मजबूती देने में मदद कर सकता है। यह शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स के विकास को बढ़ावा दे सकता है, जो रोग और संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक होते हैं।
सूजन को कम करने में भी इमली का जूस मदद कर सकता है। इमली में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव मौजूद होता है। यह प्रभाव सूजन की समस्या को दूर करने में काफी मदद करता है। इमली में पाया जाने वाला यह प्रभाव इमली के जूस में भी मौजूद होता है।