अक्सर पेट में कीड़े हो जाते हैं, जिसकी वजह से पेट में दर्द बना रहता है और भूख भी कम लगती है। इससे राहत के लिए रीठा का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह घटक पाचन अग्नि को बेहतर बनाने और कीड़ों को खत्म करने में मददगार है।
रीठा में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में रीठा से प्राप्त तेल जानवरों के घावों को ठीक करने में मदद करता है। इसके इस्तेमाल से घाव के कारण होने वाले संक्रमण से भी खुद को बचाया जा सकता है।
आजकल की बिगड़ती जीवनशैली के कारण ज्यादातर लोग मोटापे से परेशान हैं। इसे कम करने के लिए रीठा को अपने आहार में शामिल करें। यह मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है।
अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए रीठा का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह सांस से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाता है। यह फेफड़ों से बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे आप बेहतर तरीके से सांस ले पाते हैं।
रीठा में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी शामिल है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। इससे आपको कई बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।