उपवास पाचन अग्नि या भूख को फिर से जगाने का एक प्रभावी तरीका है। आमतौर पर हममें से लोग भूख लगने का इंतजार नहीं करते, बल्कि अपने तय समय के हिसाब से खाना खाते हैं और भूख लगने से पहले भोजन करने से पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है।
अगर आप उपवास के दौरान एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर चीजों का सेवन करते हैं तो इससे शरीर में सूजन कम होती है। यह गठिया, अस्थमा और एलर्जी जैसी स्थितियों वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में भी उपवास मदद कर सकता है। शरीर और मन एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, इसलिए जब उपवास से शरीर शुद्ध होता है तो मन भी शांत हो जाता है।
उपवास से हृदय को स्वस्थ रखने में भी काफी मदद मिल सकती है। इसका कारण है कि कई अध्ययनों में उपवास को रक्त लिपिड प्रोफाइल में सुधार और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके हृदय रोग के जोखिम को कम करने में प्रभावी पाया गया है।
नवरात्रि के उपवास मन और शरीर को शुद्ध करने में मदद करते हैं और भक्तों को अपनी प्रार्थनाओं और पूजा पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देते हैं। ऐसे में अगर मन और शरीर साफ और शांत रहेगा तो इससे बेहतर नींद को भी बढ़ावा मिलेगा।